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Video : ग्रामीण विकास विभाग के चीफ इंजीनियर के 24 ठिकानों पर इडी का छापा,100 करोड़ की संपत्ति का खुलासा

छापामारी के दौरान 1.50 करोड़ रुपये के जेवरात और करीब 30 लाख रुपये नकद मिले हैं.

इडी ने मंगलवार को ग्रामीण विकास विभाग के मुख्य अभियंता बीरेंद्र राम के कुल 24 ठिकानों पर छापा मारा. इस दौरान बीरेंद्र राम द्वारा बनायी गयी कंपनियों के अलावा 100 करोड़ रुपये की संपत्ति का भी पता चला है. छापामारी के दौरान 1.50 करोड़ रुपये के जेवरात और करीब 30 लाख रुपये नकद मिले हैं. इडी ने जमशेदपुर निगरानी थाने में ग्रामीण विकास विभाग के इंजीनियर के खिलाफ दर्ज घूसखोरी के एक मामले को जांच के लिए इसीआइआर के रूप में दर्ज किया था. इडी की टीम बीरेंद्र राम को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. इडी ने बीरेंद्र राम के पारिवारिक सदस्यों, उनके दिल्ली स्थित सीए मुकेश मित्तल के पारिवारिक सदस्यों के अलावा ठेकेदार अतिकुल्लाह अंसारी और आलोक रंजन के ठिकानों पर छापामारी की है. इडी की सूचना मिली थी कि अतिकुल्लाह ही बीरेंद्र राम के लिए पैसों की वसूली करता है. इडी की नजर से बचने के लिए उसने खुद को बीरेंद्र का नौकर बताया, लेकिन इडी के अधिकारियों ने उसे पहचान लिया.

जांच में पाया गया है कि दिल्ली सहित अन्य जगहों पर बीरेंद्र राम ने अपने पारिवारिक सदस्यों के नाम पर 100 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति अर्जित की है. दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी में बीरेंद्र राम के पारिवारिक सदस्यों के नाम पर तीन आलीशान मकान हैं, जिनका मौजूदा बाजार मूल्य 40 करोड़ रुपये है. इसके अलावा दिल्ली के छतरपुर में भी उसने अपने पारिवारिक सदस्यों के नाम पर मकान और फ्लैट अर्जित किया है. पिछले ही महीने उन्होंने अपने पिता गंगा राम के नाम पर दिल्ली के छतरपुर में एक मकान चार करोड़ रुपये में खरीदा था, जिसे तोड़ कर आलीशान तरीके से दोबारा बनाया जा रहा है. बीरेंद्र राम के पिता रिटायर शिक्षक हैं. बीरेंद्र राम ने पत्नी के नाम पर भी एक मकान खरीदा है. उनके दोनों पुत्र अमेरिका में पढ़े हैं. पूरें मामलें का खुलासा जमशेदपुर में दर्ज कि गई एक प्राथमिकी से होता है. जी हां जमशेदपुर निगरानी ने ठेकेदार विकास शर्मा की शिकायत पर एक प्राथमिकी दर्ज की थी. ठेकेदार ने शिकायत की थी उसे 14.54 लाख रुपये का काम पूरा कर लिया है.

इसमें से सात लाख रुपये का भुगतान उसे मिल चुका है. शेष सात लाख के भुगतान के लिए कनीय अभियंता सुरेश वर्मा चार प्रतिशत की दर से 28000 रुपये घूस मांग रहे हैं. शिकायत पर निगरानी ने कनीय अभियंता को 10 हजार रुपये घूस लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया और उनके घर की तलाशी ली, जिसमें जेवर व नकद मिला. वर्मा के घर के ऊपरी हिस्से के एक कमरे की तलाशी के दौरान वहां से 2.44 करोड़ रुपये मिले. यह रुपये वकील आलोक रंजन के बताये गये. इडी ने निगरानी में दर्ज प्राथमिकी को इसीआइआर के रूप में दर्ज कर जांच शुरू की. जांच के दौरान सुरेश वर्मा ने बताया कि आलोक रंजन के कमरे से बरामद रुपये कार्यपालक अभियंता बीरेंद्र राम के थे. इसकी जानकारी मिलने के बाद इडी ने बीरेंद्र राम और उसके पारिवारिक सदस्यों के सिलसिले में जांच शुरू की. इसमें कई सनसनीखेज मामलों की जानकारी और सबूत मिलने के बाद इडी ने मंगलवार को छापा मारा.

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