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Mahashivratri 2023: देवघर में 3 दिन बाद निकलेगी शिव बारात, सज गयी बाबानगरी, बजने लगी शिव धुन

Mahashivratri 2023: देवघर में महाशिवरात्रि को लेकर जोर-सोर से तैयारी चल रही है. इस बार बड़े ही धूम-धाम से भव्य बारात निकाली जायेगी. आकर्षक लाइटों को लगाया जा चुका है. सत्संग आरओबी को भी लाइटों से सजाया गया है. शहर में शिव धुन बज रहे हैं.

Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि में अब तीन दिन बच गये हैं. दो वर्षों के बाद इस बार केके एन स्टेडियम से भव्य शिव बारात निकाली जायेगी. समिति के सदस्य बारात निकालने की तैयारी में जोर-शोर से जुटे हुए हैं. शिव बारात निकलने वाले रूट में चंदन नगर से लायी गयीं आकर्षक लाइटों को लगाया जा चुका है. सत्संग आरओबी को भी लाइटों से सजाया गया है. शहर के लोग सजावट को देखकर काफी गदगद हो रहे हैं. शहर में शिव धुन बज रहे हैं. इस संबंध में समिति के मीडिया प्रभारी सह सचिव अभय आनंद झा ने बताया कि गुरुवार को शत-प्रतिशत काम पूरा हो जायेगा. समिति ने प्रशासन से अपील की है कि लोगों की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए रात में पुलिसिंग व्यवस्था को पुख्ता इंतजाम किया जाये.

गर्भगृह में अब काम नहीं करेगा मोबाइल, लगाया गया जैमर

बाबा मंदिर के गर्भ गृह में मंदिर प्रशासन ने जैमर लगा दिया. अब यहां मोबाइल फोन का नेटवर्क काम नहीं करेगा. इस संबंध में बाबा मंदिर प्रभारी सह एसडीएम दीपांकर चौधरी ने बताया कि हाइकोर्ट का निर्देश है कि मंदिर के गर्भ गृह में मोबाइल फोन का उपयोग नहीं करना है. आये दिन देखा जा रहा था कि बड़ी संख्या में लोग बाबा मंदिर के गर्भ गृह के चारों तरफ खड़े होकर फेसबुक लाइव के अलावा सोशल मीडिया पर लाइव टेलिकास्ट कर रहे थे.

डीसी ने रुटलाइन, क्यू कॉम्प्लेक्स, बाबा मंदिर का किया निरीक्षण

महाशिवरात्रि की तैयारी को लेकर डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने पूरी टीम के साथ रुटलाइन, क्यू कॉम्प्लेक्स, बाबा मंदिर प्रांगण सहित अन्य क्षेत्र का निरीक्षण किया. डीसी ने कहा कि श्रद्धालुओं को बेहतर जलार्पण की सुविधा देना प्रशासन की प्राथमिकता है. इसलिए एनडीआरएफ, स्वास्थ्य विभाग, दंडाधिकारी व पुलिस पदाधिकारियों मुस्तैद रहें.उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि महाशिवरात्रि के दिन किसी भी तरह की वीआइपी सुविधा या आउट ऑफ टर्न दर्शन या जलार्पण करने की सुविधाओं पर प्रतिबंध रहेगा. डीसी ने संबंधित विभाग के अफसरों को निर्देश दिया कि सड़कों के अगल-बगल अतिक्रमण करने वालों से जुर्माना वसूलें.

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साथ ही पूरे मंदिर और शहरी क्षेत्र में साफ सफाई की व्यवस्था दुरुस्त रखें. इधर-उधर दिख रहे बिजली के तारों को सुव्यवस्थित कर लें. शीघ्रदर्शनम के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए पाठक धर्मशाला में होल्डिंग प्वाइंट बनाने का निर्देश डीसी ने दिया ताकि शीघ्र दर्शन के माध्यम से जलार्पण करने आए श्रद्धालुओं को सुखद अनुभव हो सके. महाशिवरात्री को लेकर श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा होगा. ऐसे में विधि व्यवस्था व क्राउड मैनजेमेंट को लेकर सभी को आपसी समन्वय के साथ कार्य करें. उनके साथ सभी विभागों के वरीय अधिकारी मौजूद थे.

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शिवरात्रि पर डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों की लगायी गयी ड्यूटी

महाशिवरात्रि पर्व की तैयारी में स्वास्थ्य विभाग भी जुट गया है. महाशिवरात्रि के दिन बाबा मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ की संभावना को देखते हुए तथा शिव बारात में शिव भक्तों को आपात स्थिति में स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए बाबा मंदिर, क्यू कॉम्प्लेक्स, बीएड कॉलेज और पुराना सदर अस्पताल में डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों की ड्यूटी लगायी गयी है. बाबा मंदिर स्वास्थ्य केंद्र में तीन दिन तक के लिए ड्यूटी लायी गयी है, जबकि अन्य जगहों पर शिवरात्रि के दिन ही ड्यूटी लगायी गयी है. इन जगहों पर एंबुलेंस के साथ स्वास्थ्य कर्मी रहेंगे तैनात :बाबा मंदिर में इको एंबुलेंस, नगर थाना परिसर में 108 एंबुलेंस, पुराना सदर अस्पताल में 108 एंबुलेंस के साथ दो एंबुलेंस के अलावा केके एन स्टेडियम, नेहरू पार्क, बीएड कॉलेज और जिला नियंत्रण कक्ष देवघर में एक-एक एंबुलेंस रहेंगी.

शिव बारात में मानव दैत्य की झांकी बना रहे लक्ष्मण

शिव बारात की झांकी बनाने में लक्ष्मण राउत उर्फ लक्की अहम भूमिका निभाते आ रहे हैं. पहली बार उन्होंने 1998 में राक्षस के सिर की पेंटिंग की थी. इस बार मानव दैत्य की झांकी बना रहे हैं. इसमें उनके साथ 15 से 20 युवक सेवा दे रहे हैं. लक्की ने बताया कि तीन-चार साल की उम्र से ही महाशिवरात्रि से जुड़े हुए हैं. पहले उनके पिता मोहन लाल शिव बारात में ठेला पर बैठा देते थे व रातभर बारात के साथ भ्रमण करते थे. बड़े होने पर मार्कंडेय जजवाड़े के संपर्क में आ गये. उन्होंने बताया कि सुबह में ही शिवरात्रि महोत्सव समिति के झांकी बनाने के स्थल पर आ जाते हैं. इसके बाद देर रात तक वहीं रहते हैं. उन्हें नाना जी से पेटिंग में शिक्षा मिली थी. मार्कंडेय जजवाड़े से आगे की शिक्षा ग्रहण की. गुरु की नि:शुल्क सेवा से प्रभावित होकर वे भी नि:शुल्क सेवा दे रहे हैं.

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