ह्यूस्टन: भारत के महावाणिज्यदूत पी हरीष ने राजभाषा के रुप में हिन्दी के महत्व को रेखांकित करते हुए आने वाली पीढ़ी के लिए हिंदी को बचाये रखने की जरुरत पर जोर दिया.ह्यूस्टन में 16वें अंतरराष्ट्रीय हिन्दी संघ (आईएचए) के दो दिवसीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए हरीष ने भविष्य की पीढ़ी के लिए इस भाषा को बचाये रखने में आईएच के योगदान की सराहना की.यहां 30.31 अगस्त 2013 को ‘हिन्दी एवं युवा वर्ग’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम में भारतीय अमेरिकी बच्चे एवं युवाओं को जोड़ने के लिए कई कार्यक्रम पेश किये गए जिसमें विशेष तौर पर हिन्दी को योजक कड़ी के तौर पर पेश किया गया.
आईएचए की विज्ञप्ति के अनुसार, आईएचए राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशीला मोहानका ने संस्थान के ह्यूस्टन चैप्टर के प्रयासों की सराहना की.
समारोह में हिन्दी से बच्चों और युवाओं को जोड़ने के लिए विशेष तौर पर कई कार्यशालाएं एवं कार्यक्रम आयोजित किये गए. इसमें ‘कम्प्यूटर पर हिन्दी टाइपिंग’, ‘हिन्दी को लोकप्रिय बनाएं’, ‘खेल खेल में हिन्दी’, ‘हिन्दी में कविता कैसे लिखे’, ‘राम एक, नाम अनेक’, ‘हिन्दी पर बालीवुड का प्रभाव’, ‘शब्द मंजुषा’, ‘दैनिक जीवन में हिन्दी’, ‘कौन बनेगा भारत ज्ञानी’ और अंताक्षरी जैसे ज्ञानवर्धक एवं शैक्षणिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया.
आईएचए की विज्ञप्ति के अनुसार, इस समारोह में 900 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया और लोगों ने इन कार्यक्रमों में काफी रुचि दिखायी.समारोह में हिस्सा लेने वालों ने कम्प्यूटर, वेबसाइट, सोशल मीडिया और स्मार्ट फोन पर हिन्दी का उपयोग करना सीखा.