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न मूर्ति बदली न परंपरा, आज खुलेंगे पूजा पंडालों के पट

132 वर्षों बाद भी एक चाला में बैठायी जाती है प्रतिमा रांची : कहते हैं, समय के साथ सब कुछ बदल जाता है. लोग बदल जाते हैं, लेकिन दुर्गाबाटी में पूजा की परंपरा आज तक नहीं बदली. यहां अनुष्ठान व प्रतिमा की बनावट 132 वर्ष पुरानी है. दुर्गाबाटी में वर्ष 1883 में पूजा की शुरुआत […]

132 वर्षों बाद भी एक चाला में बैठायी जाती है प्रतिमा
रांची : कहते हैं, समय के साथ सब कुछ बदल जाता है. लोग बदल जाते हैं, लेकिन दुर्गाबाटी में पूजा की परंपरा आज तक नहीं बदली. यहां अनुष्ठान व प्रतिमा की बनावट 132 वर्ष पुरानी है. दुर्गाबाटी में वर्ष 1883 में पूजा की शुरुआत हुई. मूर्ति दुर्गाबाटी परिसर में ही बनती है. यहां की मूर्ति अन्य जगहों से अलग होती है. यहां एक चाला (एक फ्रेम) में सारी प्रतिमाएं होती हैं.
मूर्ति की आंखों की बनावट भी वर्षो पुरानी है. पांच सदस्यों के साथ शुरू की गयी पूजा आज वृहत रूप ले चुकी है. पुरोहित शांतनु भट्टाचार्य ने बताया कि यहां नंदीकेश्वर पुराण के अनुसार पूजा होती है.
पुरोहित की तीसरी पीढ़ी करा रही है पूजा
दुर्गाबाटी में पुरोहित की तीसरी पीढ़ी पूजा करवा रहे हैं. वर्तमान में पुरोहित शांतनु भट्टाचार्या पूजा करा रहे हैं. इनसे पहले इनके पिता ब्योमकेश भट्टाचार्या और शांतनु के छोटे दादा नारायण चंद्र भट्टाचार्या पूजा करते थे.
तीसरी पीढ़ी के मूर्तिकार तैयार कर रहे हैं मूर्ति
दुर्गाबाटी में मूर्तिकारों का भी इतिहास पुराना है. यहां मूर्तिकार तरुण सूत्रधार द्वारा मूर्ति तैयार की जा रही है. तरुण अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी से आते हैं. इनसे पूर्व तरुण के दादा देवेंद्रनाथ सूत्रधर मूर्ति बनाया करते थे.
पुरुष कंधे पर ले जाते हैं मां की प्रतिमा
विसजर्न के दौरान सारे पुरुष मां की प्रतिमा को अपने कंधे पर लेकर विसजर्न स्थल तक जाते हैं. महिलाएं लाल पाड़ साड़ी पहनती हैं. महिलाएं एक दूसरे को सिंदूर लगाती हैं.
क्या कहते हैं पुरोहित
मुझे गर्व होता है कि मैं दुर्गाबाटी का सदस्य हूं. मेरे दादा व मेरे पिता ने यहां पुरोहित का काम किया. अब मैं यहां सेवा में लगा हूं. यहां आने को लेकर मेरी तैयारी एक माह पहले से शुरू हो जाती है.
ब्योमकेश भट्टाचार्य, पुरोहित दुर्गाबाटी
क्या कहते हैं कार्यकारी सचिव
कार्यकारी सचिव गोपाल भट्टाचार्य कहते हैं कि मूर्ति व पूजा की तरफ से हम सभी निश्चिंत रहते हैं. वर्षो से दुर्गाबाटी से जुड़ने की वजह से कोई परेशानी नहीं होती है. हमारे पुरोहित को यह मालूम है कि क्या करना है. सारे पदाधिकारियों व सदस्यों की भी जिम्मेवारी तय है.
बांकुड़ा से आते हैं पुरोहित
यहां बांकुड़ा से पुरोहित आते हैं. इस बार कृष्णधन चक्रवर्ती पूजा करा रहे हैं. इनसे पहले स्व देवी प्रसाद चक्रवर्ती पुरोहित थे. इनके निधन के बाद बांकुड़ा से पुरोहित आ रहे हैं.
हरिमति मंदिर
यहां दुर्गापूजा वर्ष 1936 से हो रही है. इस बार पूजा का 79वां साल है. यहां की मूर्ति पूजा वर्षों पुरानी है. हरिमति मंदिर में पुराने रीति-रिवाजों के अनुसार पूजा होती है. प्रतिमा भी परंपरागत तरीके से बनायी जाती है. एक चाला में मूर्ति तैयार की जाती है. यहां की प्रतिमा अन्य पंडालों से अलग होती है.
40 वर्षो से भोग तैयार कर रहे हैं हरि
यहां भोग का इतिहास भी काफी पुराना है. हरि पांडेय विगत 50 वर्षों से भोग तैयार कर रहे हैं. उम्र ज्यादा होने की वजह से इनकी देखरेख में भोग तैयार किया जा
रहा है.
आज खुलेंगे पूजा पंडालों के पट, दिखेगी सड़कों पर रौनक, तैयारी पूरी
रांची : दुर्गा पूजा पर शहर के पंडाल षष्ठी को खुल जायेंगे. मंगलवार से सड़कों पर रौनक दिखने लगेगी. इस साल एक तिथि कम होने के कारण पंडाल मात्र चार दिन ही खुलेंगे. रविवार यानी चार अक्तूबर को प्रतिमाओं का विसजर्न किया जायेगा. पंडालों में तैयारियां पूरी हो गयी हैं. ज्यादातर पंडालों के आस-पास ठेले-खोमचे भी लगेंगे. कुछेक पंडालों के पास झूले आदि भी लगाये गये है. शहर में सुरक्षा-व्यवस्थ्भी पुख्ता कर दी गयी है.
भारतीय युवक संघ बकरी बाजार
यहां सोने के रंग सा दमकता मंदिर, पंडाल के अंदर मां दुर्गा की भव्य प्रतिमा, पंडाल के चारों और बहता पानी, पुल से होते हुए श्रद्धालु पूजा पंडाल में प्रवेश करेंगे.
रांची रेलवे स्टेशन दुर्गा पूजा समिति
हस्तिनापुर नगर का निर्माण, कुरुक्षेत्र का नजारा, भगवान श्रीकृष्ण यहां अजरुन को गीता का उपदेश देते हुए नजर आयेंगे.
चंद्रशेखर आजाद क्लब मेन रोड
कुल्हड़ व चुक्का से बन रहा है काल्पनिक पूजा पंडाल, पंडाल के अंदर दीवारों पर आकर्षक तसवीरें. समिति द्वारा मेला का भी आयोजन किया गया है.
कोकर दुर्गा पूजा समिति
क्या देखने को मिलेगा: केदारनाथ हादसे को यहां लाइव श्रद्धालुओं को दिखाया जायेगा. यहां गिरते हुए भवन व सेना का राहत कार्य देखने को मिलेगा, सड़कों पर की गयी आकर्षक लाइटिंग बच्चों को लुभायेगी.
बांधगाड़ी दुर्गा पूजा समिति
क्या देखने को मिलेगा: मानव जाति का इतिहास यहां देखने को मिलेगा. पूजा पंडाल के अंदर नारी सशक्तीकरण की झांकी लोगों को आकर्षित करेगी. लाइटिंग बच्चों को काफी पसंद आयेगी.
राजस्थान मित्र मंडल
क्या देखने को मिलेगा : आंवला, बेल, केंद व अन्य जंगली फलों के छिलके से बना इको फ्रेंडली पंडाल, मूर्ति का निर्माण भी सुतली से किया गया है. मां के गहने व अन्य देवी देवताओं की साज सजावट सभी
सुतली से.
दुर्गा पूजा समिति सरकारी बस स्टैंड
क्या देखने को मिलेगा: दक्षिण भारत के भव्य मंदिर का दर्शन, दो पंडालों के बीच में पुल का निर्माण, पूजा पंडाल के अंदर मां की भव्य प्रतिमा, बांस की कारीगरी लोगों को काफी पसंद आयेगी.
आरआर स्पोर्टिग क्लब रातू रोड
क्लब द्वारा इस बार स्टील शीट के पूजा पंडाल का निर्माण किया जा रहा है. मां दुर्गा की भव्य प्रतिमा शीशे से बनायी गयी है. क्लब की लाइटिंग बच्चों को काफी पसंद आयेगी.
बिहार क्लब दुर्गा पूजा समिति
क्या देखने को मिलेगा: रंग महल में मां दुर्गा दरबार लगाये हुए दिखेगी. पूजा पंडाल के बाहर डायनासोर मुंह से आग निकालेगा. भूत डांस व कृष्ण का माखन चोरी लोगों को देखने को मिलेगा.
संग्राम क्लब कचहरी
क्या देखने को मिलेगा: पूजा पंडाल के अंदर सात मिनट का विद्युत चालित शो दर्शनार्थियों को देखने को मिलेगा. शो में मां दुर्गा महिषासुर का वध करेंगी.
श्री महावीर मंदिर चर्च रोड पूजा समिति
क्या देखने को मिलेगा: पूजा पंडाल के अंदर मां दुर्गा देवताओं के साथ दरबार लगाते हुए दिखेगी. प्रतिमाओं का निर्माण मिट्टी के घड़े से किया गया है. आकर्षक लाइटिंग लोगों को लुभायेगा.
सत्य अमर लोक हरमू रोड
क्या देखने को मिलेगा: पूजा पंडाल का आकार कमल फुल का है. फुल के अंदर मां दुर्गा की भव्य इको फ्रेंडली प्रतिमा का दर्शन होगा. पूजा पंडाल की लाइटिंग लोगों को काफी पसंद आयेगी.
शक्ति स्त्रोत संघ गाड़ीखाना
क्या देखने को मिलेगा: टिक की लकड़ी व बादाम के छिलके से बना आकर्षक पूजा पंडाल, पंडाल के अंदर मां की भव्य प्रतिमा का दर्शन, आकर्षक लाइटिंग लोगों का मन मोहेगी.
सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति
50 फीट ऊंचा पुरी बटेश्वर का भगवती मंदिर बंगाल के कलाकारों ने बनाया है. मां दुर्गा की भव्य प्रतिमा स्थापित की जायेगी. 56 सेट परिसर में आकर्षक विद्युत सज्ज रहेगा. उदघाटन मंगलवार को वेलवरण पूजा के साथ शाम 7.30 बजे होगा.
पंच मंदिर हरमू दुर्गा पूजा समिति
क्या देखने को मिलेगा: चट से बना भव्य पंडाल, पूजा पंडाल के अंदर बेहतरीन दृश्यों के साथ मां की प्रतिमा का दर्शन, आकर्षक लाइटिंग बच्चों को काफी पसंद आयेगी. मेला का भी आयोजन होगा.
प्रगति प्रतीक क्लब हरमू रोड
क्या देखने को मिलेगा: नेपाल का श्रीकृष्ण मंदिर, जो सिर्फ लकड़ी से बन रहा है. अंदर में मां की भव्य प्रतिमा मार्बल फिनिशिंग के साथ दर्शनार्थियों को देखने को मिलेगी.
गीतांजलि क्लब मोरहाबादी
चना दाल, मूंग दाल, मसूर दाल, चना व धान से बना पंडाल व आकर्षक प्रतिमा. पूजा पंडाल के बाहर चंदन नगर की लाइटिंग, शंकर भगवान का तांडव नाच व भूत नाच बच्चों को पसंद आयेगा.
नेताजी नगर दुर्गा पूजा समिति कांटाटोली
समिति द्वारा भव्य काल्पनिक मंदिर का निर्माण किया गया है. मां दुर्गा की भव्य प्रतिमा व राजस्थानी संस्कृति की झांकिया श्रद्धालुओं को देखने को मिलेगी.
भवानीपुर दुर्गा पूजा समिति
पंडाल का उदघाटन मंगलवार शाम छह बजे से किया जायेगा. एसएसपी प्रभात कुमार उदघाटन करेंगे. कार्यक्रम में समिति के मुख्य संरक्षक अजय नाथ शाहदेव आदि उपस्थित रहेंगे.

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