धर्मशाला : भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने कहा है कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में उन्हें उन दो या तीन खराब ओवरों का खमियाजा भुगतना पड़ा जिनमें काफी चौके छक्के पड़े. भारतीय बल्लेबाजों ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 199 रन बनाये लेकिन गेंदबाज इसके बावजूद टीम को जीत नहीं दिला सके. मेहमान टीम ने दो गेंद बाकी रहते सात विकेट से जीत दर्ज की. मैन आफ द मैच जेपी डुमिनी ने स्पिनर अक्षर पटेल को 16वें ओवर में तीन छक्के लगाकर 22 रन लिये. धौनी ने कहा कि एक गेंदबाज के लिए एक ओवर में धुनाई के बाद मजबूत वापसी जरुरी है लेकिन ऐसा हुआ नहीं.
उन्होंने कहा ,‘‘ यह बल्लेबाजों का मुकाबला लग रहा था. एक बार बड़ा शाट लगने के बाद आपको अगली बार संभलकर अच्छी गेंद डालनी चाहिए. एक ओवर में तीन छक्के या चौके नहीं पड़ने चाहिए क्योंकि इससे विरोधी बल्लेबाज दबाव बना लेते हैं.” उन्होंने कहा कि टीम को दो या तीन खराब ओवरों का खमियाजा भुगतना पड़ा. उन्होंने कहा ,‘‘ खेल में कई चरण होते हैं और दो बार हमने चार चार गेंदों पर काफी रन लुटाये जिससे दबाव बना. मेरा मानना है कि अच्छे विकेट पर 200 रन का लक्ष्य होने पर गेंदबाजों पर भी काफी दबाव होता है क्योंकि विरोधी बल्लेबाज भी रन बनाने के प्रयास में होते हैं. धौनी ने कहा ,‘‘ बल्लेबाजों का प्रयास अच्छा था लेकिन हम गेंदबाजी में बेहतर कर सकते थे.
आप छह गेंद में इतने रन नहीं दे सकते. खराब ओवर होते हैं लेकिन उनमें 12 या 15 रन से ज्यादा नहीं देने चाहिए. इस तरह के मैच जीतने के लिए बल्लेबाजों पर दबाव बनाये रखना जरुरी है.” उन्होंने स्पिनर आर अश्विन और पटेल की तारीफ करते हुए मैच के लिए गेंदबाजों के चयन का भी बचाव किया. उन्होंने कहा ,‘‘ यदि ओस के कारण स्पिनरों पर दबाव बना तो मुझे लगता है कि हमारे स्पिनरों ने वाकई अच्छी गेंदबाजी की.
यदि एक ओवर को छोड़ दिया जाये तो पटेल ने अच्छी गेंदबाजी की. टी20 क्रिकेट में रन बनते हैं लेकिन उसकी लाइन और लैंग्थ खराब नहीं थी.” अमित मिश्रा को बाहर रखने के फैसले के बारे में उन्होंने कहा ,‘‘ आपको शीर्ष सात में जगह देखनी होती है कि उसे कहां फिट किया जाये. आप छह विशेषज्ञ बल्लेबाज लेकर उतरना चाहते हैं और सातवां ऐसा चाहते हैं जो गेंदबाजी भी कर सके. हम पांच विशेषज्ञ गेंदबाजों के साथ उतरे और सभी अच्छे थे लिहाजा मुझे एक स्पिनर को बाहर करने का औचित्य समझ में नहीं आया.”