रोष. अमरनाथ यात्रियों पर हमले का युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किया विरोध
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मोदी-शरीफ के साथ आतंकवाद का फूंका पुतला, की नारेबाजी
रोष. अमरनाथ यात्रियों पर हमले का युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किया विरोध हीर करहरिया चौक पर विरोध मार्च निकाल कर कार्यकर्ताओं ने पाक व भारत के पीएम पर भी निशाना साधा है. बार-बार पाकिस्तान परस्त आतंकी संगठन हमला कर रहे हैं. बावजूद भारत सरकार पाकिस्तान को दुलारा देश का दर्जा दिया हुआ है. पाकिस्तान को […]
हीर करहरिया चौक पर विरोध मार्च निकाल कर कार्यकर्ताओं ने पाक व भारत के पीएम पर भी निशाना साधा है. बार-बार पाकिस्तान परस्त आतंकी संगठन हमला कर रहे हैं. बावजूद भारत सरकार पाकिस्तान को दुलारा देश का दर्जा दिया हुआ है. पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब देने की मांग केंद्र सरकार से की है.
हनवारा : जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में अमरनाथ यात्रियों पर हुए आतंकी हमले का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. हनवारा थाना क्षेत्र के करहरिया चौक पर शनिवार शाम युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ तथा आतंकवाद एक साथ पुतला फूंका. जिला युवा कांग्रेस के तत्वावधान में आयोजित पुतला दहन का नेतृत्व जिलाध्यक्ष नीरज चौरसिया ने किया. कहा कि इतनी बड़ी घटना के बावजूद प्रधानमंत्री अब तक चुप्पी साधे हैं.
पाकिस्तान परस्त आतंकी संगठन बार-बार अलगाववादियों के साथ मिल कर हमला कर रहे हैं. सेना के अलावा आतंकी श्रद्धालुओं को भी निशाना बना रहे हैं. 2014 के चुनाव में नरेंद्र मोदी ने देश की जनता को दिग्भ्रमित कर वोट लिया. दुश्मनों से बदला देने के लिए अपने छप्पन इंज का सीना बताया. कहा कि प्रधानमंत्री की कमजोरी के कारण पाकिस्तान सिर चढ़ कर बोल रहा है. जबकि पाकिस्तान बार-बार हमला कर रहा है और भारत उसे दुलारा देश का दर्जा दिया हुआ है. कहा कि आतंकवादी एवं पाकिस्तान से सरकार को बदला ले लेनी चाहिए थी. आतंकवादियों का कोई जाति व धर्म नहीं होता है. पाकिस्तान प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को चुनौती देते हुए कहा कि वो भारत को कमजोर न समझें. और ऐसी हरकत बंद करें. इस दौरान युवा कांग्रेसियों ने आतंकी हमले में मारे गये अमरनाथ यात्रियों के प्रति दो मिनट का मौन रख कर आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की. पुतला दहन से पूर्व हीर करहरिया से विरोध मार्च भी निकाला. मौके पर मो मिनहाज, नावेद अख्तर, जुनैद आलम,हारूण रसीद, मो जिसान, मो सोएब, मो उमर, मुर्सीद, हुमायूं अंसारी, आशिफ अंसारी, रुस्तम अली, वाहब, मिनसार, अब्दुल अजीज, वकर अंसारी, जरजीश अतहर, खुस्तर व मेहराज सहित दर्जनों कार्यकर्त्ता उपस्थित थे.
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