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खुशखबरी: एचइसीकर्मियों को दशहरा से पूर्व मिलेगी बकाया लीव सैलरी

रांची : एचइसी के सेवानिवृत्त कर्मियों को विजयादशमी से पूर्व लीव सैलरी का भुगतान किया जायेगा. एचइसी के सीएमडी अभिजीत घोष ने कहा कि प्रबंधन ने सेवानिवृत्त कर्मियों काे पूर्व में ही ग्रेच्युटी का भुगतान कर दिया है. दशहरा के पूर्व 1900 सेवानिवृत्त कर्मियों को लीव सैलरी (करीब 49 करोड़ रुपये) का भुगतान किया जायेगा. […]

रांची : एचइसी के सेवानिवृत्त कर्मियों को विजयादशमी से पूर्व लीव सैलरी का भुगतान किया जायेगा. एचइसी के सीएमडी अभिजीत घोष ने कहा कि प्रबंधन ने सेवानिवृत्त कर्मियों काे पूर्व में ही ग्रेच्युटी का भुगतान कर दिया है. दशहरा के पूर्व 1900 सेवानिवृत्त कर्मियों को लीव सैलरी (करीब 49 करोड़ रुपये) का भुगतान किया जायेगा. मालूम हो कि उक्त सेवानिवृत्त कर्मियों को लीव सैलरी का भुगतान वर्ष 2011 से नहीं किया गया है. श्री घोष ने कहा कि राज्य सरकार से जमीन के एवज में मिलने वाले 743 करोड़ रुपये में से 419 करोड़ रुपये एचइसी को मिला है. इसी राशि में से भुगतान किया जायेगा.

2300 करोड़ से होगा एचइसी का आधुनिकीकरण

सीएमडी अभिजीत घोष ने कहा कि एचइसी का आधुनिकीकरण 2300 करोड़ रुपये से करने का प्रस्ताव बनाया गया है. राज्य सरकार से जमीन के एवज में मिलने वाली राशि में से सर्वप्रथम सेवानिवृत्त कर्मियों का बकाया भुगतान किया जा रहा है. शेष राशि आधुनिकीकरण में खर्च की जायेगी. 1500 करोड़ रुपये एचइसी को विभिन्न श्रोत से अर्जित करना है. 1262 करोड़ रुपये से नवीनतम तकनीक की मशीन लगायी जायेगी व कुछ पुरानी मशीनों को दुरुस्त किया जायेगा. सबसे अधिक राशि (करीब 660 करोड़) एफएफपी प्लांट के जीर्णोद्धार पर खर्च की जायेगी. शेष राशि एचएमबीपी, एचएमटीपी व नयी तकनीक पर खर्च की जायेगी. श्री घोष ने कहा कि आधुनिकीकरण का कार्य फेज वाइज किया जायेगा, जो तीन वर्षों में पूरा कर लिया जायेगा.

अगले माह होगा पारस ग्रुप के साथ समझौता

सीएमडी ने कहा कि एचइसी परिसर में बेहतर स्वास्थ्य सेवा की तैयारी की जा रही है. प्लांट अस्पताल को पीपीपी मोड पर देने के लिए पारस हेल्थ केयर के साथ अक्तूबर में समझौता होगा. छह माह बाद पारस अस्पताल का संचालन शुरू करेगा. वहीं एक वेलनेश सेंटर भी शुरू होगा, जहां एचइसी के चिकित्सक व नर्स ओपीडी में बैठेंगे.

रेलवे व डिफेंस पर होगा विशेष फोकस

एचइसी के पास वर्तमान में करीब 1200 करोड़ रुपये का कार्यादेश है. एचइसी आनेवाले वर्षों में रेलवे व डिफेंस सेक्टर के लिए उपकरण बनायेगा. रेलवे के लिए एचइसी ने रूस की कंपनी कैशकेड से एमओयू किया है. एचइसी रेलवे के लिए टैंपिंग मशीन, वर्कसाइट टैंपर, क्रॉस एंड प्वाइंट टैंपर, ब्लास्ट क्लिनिंग, रेल ग्राइडिंग मशीन, यूटिलिटी व्हीकल आदि मशीन बनायेगा. वहीं डिफेंस के लिए एरियल बाउंस, पानी जहाज के लिए उपकरण, गन बैरल आदि उपकरण बनेगा. श्री घोष ने कहा कि एचइसी में पहली बार इलेक्ट्रो स्लेग री-मेल्टिंग उपकरण लगाया जायेगा, जिससे स्टील की शुद्धता अच्छी होती है. एचइसी रूसी कंपनी के सहयोग से वैक्यूम क्लीनर उपकरण भी बनायेगा, जिसकी क्षमता दस टन कचरा उठाने की होगी. मशीन 25 किलोमीटर प्रति घंटा कचरा उठायेगी.

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