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अभी से ही हो जाइये तैयार, दिसंबर तक आैर बढ़ सकती है महंगार्इ

मुंबईः चालू वित्त वर्ष के लिए अपने वृद्धि दर के अनुमान को घटाते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने आज आगाह किया कि किसी तरह के आर्थिक प्रोत्साहन और कृषि ऋण माफी से राजकोषीय घाटा एक फीसदी तक चढ़ जायेगा. इससे मुद्रास्फीति भी बढ़ सकती है. केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष की अपनी चौथी द्विमासिक […]

मुंबईः चालू वित्त वर्ष के लिए अपने वृद्धि दर के अनुमान को घटाते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने आज आगाह किया कि किसी तरह के आर्थिक प्रोत्साहन और कृषि ऋण माफी से राजकोषीय घाटा एक फीसदी तक चढ़ जायेगा. इससे मुद्रास्फीति भी बढ़ सकती है. केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष की अपनी चौथी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में कहा कि वास्तविक सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) वृद्धि दर 2017-18 में 6.7 फीसदी रहेगी. दूसरी तिमाही में यह 6.4 फीसदी, तीसरी तिमाही में 7.1 फीसदी और चौथी तिमाही में 7.7 फीसदी रहेगी. इसके साथ ही, रिजर्व बैंक ने यह भी कहा है कि दिसंबर तिमाही के लिए मुख्य मुद्रास्फीति बढ़कर 4.2 फीसदी हो जायेगी.

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रिजर्व बैंक ने अगस्त में जीवीए आधार पर वित्त वर्ष के लिए वृद्धि दर 7.3 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था. सरकार अब अर्थव्यवस्था के लिए प्रोत्साहन पैकेज पर विचार कर रही है. केंद्रीय बैंक ने आगाह किया है कि सरकार के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य में आधा फीसदी की चूक से ही मुद्रास्फीति 0.25 फीसदी बढ़ जायेगी. इससे संयुक्त (केंद्र आैर राज्य) राजकोषीय घाटा जीडीपी अनुपात के एक फीसदी तक बढ़ जायेगा.

केंद्रीय बैंक ने 2005 के एक अध्ययन का हवाला देते हुए कहा कि ऊंचे राजकोषीय घाटे का मतलब है कि इससे मुद्रास्फीति की संभावनाएं और वास्तविक मुद्रास्फीति में इजाफा होगा. रिजर्व बैंक का अनुमान है कि दिसंबर तिमाही के लिए मुख्य मुद्रास्फीति बढ़कर 4.2 फीसदी हो जायेगी. सरकार ने वित्त वर्ष 2017-18 के लिए राजकोषीय घाटा लक्ष्य जीडीपी का 3.2 फीसदी रखा है.

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