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पूर्व समादेष्टा ने वरीय अफसरों पर लगाये आरोप- डीजीपी और एडीजी ने दबाव देकर मुझे बनवाया अभियुक्त

जैप-9 साहेबगंज के पूर्व समादेष्टा ने वरीय अफसरों पर लगाये आरोप महली ने मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग के प्रधान सचिव और एसीबी को दी है लिखित शिकायत रांची : जैप-9 साहेबगंज में चतुर्थ पदों (धोबी, नाई, जलवाहक, झाड़ूकश और रसोइया) पर हुई बहाली में अनियमितता मामले में आरोपी पूर्व समादेष्टा हरिनारायण महली ने डीजीपी […]

जैप-9 साहेबगंज के पूर्व समादेष्टा ने वरीय अफसरों पर लगाये आरोप

महली ने मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग के प्रधान सचिव और एसीबी को दी है लिखित शिकायत
रांची : जैप-9 साहेबगंज में चतुर्थ पदों (धोबी, नाई, जलवाहक, झाड़ूकश और रसोइया) पर हुई बहाली में अनियमितता मामले में आरोपी पूर्व समादेष्टा हरिनारायण महली ने डीजीपी और एडीजी अजय भटनागर पर आरोप लगाये हैं. उनका कहना है कि बहाली में ठगी करनेवालों के खिलाफ उन्होंने 17 अप्रैल 2006 को जिरवाबाड़ी थाना में कांड संख्या 56/16 दर्ज कराया था. लेकिन डीजीपी और एडीजी ने साजिश के तहत साहेबगंज के तत्कालीन एसपी को दबाव देकर मुझे ही अप्राथमिक अभियुक्त बना दिया और गिरफ्तारी वारंट निकलवा दिया.
महली के मुताबिक उन्हें कांड के अप्राथमिक अभियुक्त फूल कुमारी देवी के स्वीकारोक्ति बयान पर अभियुक्त बनाया गया है. जबकि फूल कुमारी देवी ने अपने बयान मेंं मुझे मेरे घर में देखने, भेंट होने और न ही पैसा देते हुए देखने की बात कही है. फिर भी ऐसे बयान पर मुझे आरोपित कर प्रताड़ित किया जा रहा है. जबकि बहाली में चयन पर्षद द्वारा विधिसम्मत काम किया गया. मामले में महली ने मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग के प्रधान सचिव और एसीबी से लिखित शिकायत की थी.
हरिनारायण महली ने कहा : गलत बयान दे रही हैं समादेष्टा संध्या रानी मेहता
शिकायत में हरिनारायण महली ने कहा है कि जैप-10 महिला बटालियन की समादेष्टा संध्या रानी मेहता ने बहाली के दौरान व्यावहारिक परीक्षा के अंक निर्धारण एवं आवंटन के संबंध में गलत बयान दिया है. क्योंकि 09 दिसंबर 2015 को चयन पर्षद की बैठक में व्यावहारिक परीक्षा के अंकों का निर्धारण किया गया था. उस बैठक के वृत्त में चयन पर्षद की सदस्य समादेष्टा संध्या रानी मेहता, सदस्य जैप-2 के डीएसपी प्रेमचंद्र उरांव और तत्कालीन जिला कल्याण पदाधिकारी अराधना सिंह का सहमति स्वरूप हस्ताक्षर है.
महली का दावा है कि संध्या मेहता ने जैप डीआइजी सुधीर झा और त्रिस्तरीय जांच कमेटी के सदस्यों को 09 मई 2016 को लिखित और मौखिक रूप से बताया था कि 09 दिसंबर 2015 को चयन पर्षद की हुई बैठक में व्यावहारिक परीक्षा के अंकों का निर्धारण किया गया था. मेहता ने कभी भी चयन पर्षद की सदस्य होने के नाते 60 अंकों की व्यावहारिक परीक्षा लिए जाने का लिखित या मौखिक विरोध नहीं किया था. जो मेधा सूची प्रकाशित हुई थी, उसमें अन्य सदस्यों के साथ मेहता के भी हस्ताक्षर हैं. व्यावहारिक परीक्षा में मेहता ने स्वयं अंक प्रदान किया है. इससे साफ है कि मेहता का बयान झूठा है.

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