28.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

बिजली उत्पादन के साथ विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा पावर प्रोजेक्ट

सीमेंट इंडस्ट्रीज में राख का होगा प्रयोग रोजगार के अवसर भी मिलेंगे देवघर : मोहनपुर प्रखंड में चांदन नदी के पार प्रस्तावित अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार की पावर फाइनेंस काॅरपोरेशन ने मंजूरी दे दी है. पीएफसी द्वारा तैयार रिपोर्ट के अनुसार चार हजार मेगावाट का अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट मानक के अनुसार […]

सीमेंट इंडस्ट्रीज में राख का होगा प्रयोग

रोजगार के अवसर भी मिलेंगे

देवघर : मोहनपुर प्रखंड में चांदन नदी के पार प्रस्तावित अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार की पावर फाइनेंस काॅरपोरेशन ने मंजूरी दे दी है. पीएफसी द्वारा तैयार रिपोर्ट के अनुसार चार हजार मेगावाट का अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट मानक के अनुसार सुपर क्रिटिकल तकनीक के आधार पर कोयला आधारित बनेगा.

इस प्रोजेक्ट में 35 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे, यह थर्मल पावर प्लांट होगा. इसकी स्थापना 900 हेक्टेयर भूमि पर होगी. देवघर मेगा पावर लिमिटेड के नाम से इस प्रोजेक्ट के मैनेजर ऋषभ हैं. इस प्रोजेक्ट के लिए जल्द ही जमीन के फोरेस्ट क्लीयरेंस का आवेदन दिया जायेगा. वर्तमान में चयनित स्थल का उपयोग कृषि के लिए किया जाता है, बारिश से एक ही फसल प्राप्त होता है.

प्रोजेक्ट के बाद भूमि उपयोग में स्थायी परिवर्तन होगा, क्योंकि भूमि का उपयोग विकास के लिए किया जायेगा. प्रोजेक्ट स्थल से दस किलोमीटर की सड़क को तैयार कर देवघर व बांका रोड से जोड़ा जायेगा. साइट में मुख्य रूप से अलग-थलग घरों को शामिल किया गया है जो प्रोजेक्ट के उद्देश्य के लिए स्थानांतरित किये जायेंगे. पावर प्लांट से संबंधित सुविधाओं के लिए औद्योगिक व आवासीय भूमि का उपयोग भी किया जायेगा. निर्माण कार्यों में पावर प्रोजेक्ट समेत सहायक सुविधाएं व आवासीय कॉलोनी का निर्माण होगा.

गंगा नदी से पानी लाने का प्रस्ताव : प्रोजेक्ट से लगभग 120 किमी की दूरी पर गंगा नदी से पानी खींचना प्रस्तावित है. आइआइटी रुड़की आइएनजी द्वारा विस्तृत जल उपलब्धता अध्ययन किया जा रहा है. प्लांट के लिए अनुमानित कुल जल की आवश्यकता 110 मिलियन क्यूबिक मीटर (MCM) है, जो प्राकृतिक शीतलन टावर के शीतलन प्रणाली को फिर से बंद करने और राख के पानी की वसूली पर विचार कर रहा है. किसी भी जल निकाय में कोई बदलाव नहीं होगा या निर्माण सामग्री, श्रम व मुख्य प्राजेक्ट संयंत्र से दूर नहीं होगा.

अधिकांश परिवहन सड़क व रेल मार्ग के माध्यम से होगा. सीमेंट, स्ट्रक्चरल स्टील, रेनफोर्समेंट स्टील, स्टोन व मिट्टी मृदा आदि सामग्री 100 किमी के भीतर स्थानीय स्तर पर उपलब्ध है. निर्माण के चरण के दौरान, परामर्श में निकटतम सब स्टेशन से बिजली तैयार की जायेगी. ऑपरेशन चरण के दौरान बिजली उत्पादन के लिए स्वदेशी कोयले का उपयोग किया जायेगा. कोयले की आवश्यकता लगभग 18-20 एमटीपीए होगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें