इसमें राज्यों ने गंगा सफाई को लेकर आनेवाली परेशानियों का भी जिक्र किया गया. नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्र नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत गंगा नदी की निर्मलता और अविरलता की प्राथमिकता दी गयी है.
लेकिन, अब तक की अधिकतर योजनाएं गंगा में निर्मलता सुनिश्चित करने के लिए ही ली गयी है. गंगा की अविरलता पर समुचित ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है. बिहार सरकार की ओर से पिछले कई वर्षो से राष्ट्रीय गाद प्रबंधन नीति बनाने का मुद्दा उठाया जाता रहा है. लेकिन, अब तक इस पर खास ध्यान नहीं दिया गया है. इसी तरह से फरक्का बैराज के निर्माण से गंगा की मॉफरेलॉजी में बदलाव और अप स्ट्रीम में गाद जमा होने के कारण भी उत्तर बिहार में बाढ़ की प्रबलता बढ़ी है, इसीलिए राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रभावकारी राष्ट्रीय गाद प्रबंधन नीति बनाना आवश्यक है. जो न केवल गंगा, बल्कि अन्य सभी नदियों के गाद प्रबंधन में सहायक होगी और नदी की अविरलता को बनाये रखेगी. मुख्यमंत्री ने गंगा की निर्मलता सुनिश्चित करने को लेकर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और सीवरेज नेटवर्क का विकास के लिए सहायता देने की बात कही.
साथ ही इसके लेकर जागरूकता अभियान पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि इस दिशा में बिहार में अगस्त, 2014 में गंगा कार्ययोजना तैयार कर केंद्र सरकार को दिया गया. साथ ही गंगा कार्ययोजना वाले जिलों में सघन जागरूकता अभियान शुरू किया गया. मध्यम कार्ययोजना के तहत गंगा के तट पर स्थित सभी पंचायतों को खुले में शौचमुक्त कराया जाना भी शामिल है. ऐसे पंचायतों मे एपीएल और बीपीएल की श्रेणियों को खत्म किये जाने की जरूरत है.