बीजिंग/ दिल्ली:लापता दुर्घटनाग्रस्त मलयेशियाई विमान का मंगलवार को पता चल गया. मलयेशियाई सेना ने कहा है कि उसके राडार ने विमान को मलक्का जलडमरू मध्य में होने का संकेत दिया है. मलक्का जलडमरू मध्य उस स्थान से काफी दूर है जहां से विमान ने उड्डयन नियंत्रण कक्ष से अंतिम संपर्क साधा था. इस बीच पुलिस ने मंगलवार को दो संदिग्ध यात्रियों की तसवीर जारी की है.
ये दोनों संदिग्ध यात्री लापता विमान पर सवार थे. इस बीच, भारतीय नौसेना भी विमान की खोज में जुट गयी है. भारत की का खोजी सेटेलाइट जीएएटी-7 रुकमिणी एक्टीवेट कर दिया गया है. नौसेना के प्रवक्ता ने बताया कि लापता विमान की खोज में भारत हरसंभव मदद करेगा. मलयेशियाई विमान तीन दिन पहले वियतनाम के ऊपर से लापता हो गया था. विमान में 227 यात्री सवार थे, जिनमें पांच भारतीय, एक भारतीय मूल का कनाडाई और चालक दल के 12 सदस्य भी शामिल थे.
दूसरे व्यक्ति की जांच जारी
पुलिस प्रमुख ने बताया कि चोरी के पासपोर्ट से यात्र करनेवाले एक अन्य यात्री के बारे में जांच को अंतिम रूप नहीं दिया है. उन्होंने कहा, ‘यात्री के बारे में अभी हमारी जांच चल रही है.’ कानून प्रवर्तन से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि एफबीआइ डाटाबेस से यात्रियों के अंगूठों के निशान खंगाल रहा है. अंगूठों के ये निशान कुआलालंपुर में चेक इन करते समय लिये गये थे और इन्हें मलेशियाई सरकार ने दुनियाभर में खुफिया और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ साझा किया है.
चोरी के पासपोर्ट से यात्र करनेवाला ईरानी
मलयेशियाई एयरलाइंस के मलबे की खोजबीन में जुटे जांचकर्ताओं ने मंगलवार को चोरी के पासपोर्टो पर विमान में यात्रा करनेवाले दो लोगों में से एक की पहचान 19 वर्षीय ईरानी नागरिक के रूप में की है. साथ ही कहा है कि उसके आतंकियों से संबंध होने की ‘संभावना नहीं है.’
‘‘हमने चोरी गये पासपोर्टो पर यात्रा करनेवाले दो लोगों में से एक की पहचान पौरिया नूर मोहम्मद मेहरदाद के रूप में की है. हमारा मानना है कि वह ईरानी है. हम उसकी पृष्ठभूमि की जांच कर रहे हैं. हमने अन्य पुलिस संगठनों से भी उसके बारे में पूछताछ की है और हमारा मानना है कि वह किसी आतंकवादी समूह का सदस्य नहीं है. हमें लगता है कि वह जर्मनी जाने की कोशिश कर रहा था.
खालिद अबू बाकर, आइजीपी, कुआलालंपुर
फ्लाइट 19 : 5 दिसंबर, 1945 को अमेरिकन के छह नेवी एवेंजर हवाई वायुयानों ने फ्लोरिडा से उड़ान भरा. थोड़ी देर बाद ये सारे विमान हवा की एक महीन पट्टी में गुम हो गये और बरमूडा ट्रायएंगल क्षेत्र में क्रैश हो गये.
इजिप्ट एयर फ्लाइट 990 : 31 अक्तूबर, 1999 को इजिप्ट एयर फ्लाइट 990 उड़ान के दौरान अटलांटिंक महासागर में समा गया. जांच में इजिप्शियन एजेंसी का कहना था विमान में तकनीकी खराबी थी, वहीं अमेरिकी जांच एजेंसी का कहना था कि चालक दल के एक सदस्य की आत्मघाती प्रवृत्ति ने वारदात को अंजाम दिया था.
स्टार डस्ट : अर्जेटीना के ब्यूनस आयर्स से चिली के सैंटियागो के लिए ब्रिटिश साउथ अमेरिकन एयरवेज का यह विमान 1947 में उड़ा था. वह लैंडिंग से पूर्व एंडेज पर्वत श्रृंखला में गायब हो गया, जिसका मलबा 50 वर्ष बाद एक पिघलते ग्लेशियर पर मिला था.
फ्लाइट 191 : 1960 के दशक से अब तक ऐसे पांच विमान दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं, जिनके नंबर में 191 था. इनमें अमेरिकन फ्लाइट 191 भी शामिल है.
टीडब्ल्यूए फ्लाइट 800 : 1996 में टीडब्ल्यूए फ्लाइट 800 क्रैश होकर पूरी तरह से उस समय फट गया, जब वह अपने गंतव्य से 12 मिनट की दूरी पर था. इस दुर्घटना में 230 लोगों की मौत हो गयी थी. अमेरिकन नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड ने बताया कि विमान की खराब वायरिंग से फ्यूल टैंक में आग लगी थी. वहीं प्रत्यक्षदर्शियों का कहना था कि जमीन से हवा में जाती प्रकाश की तीखी बीम देखी, जिसने वायुयान को आग के एक गोले में बदल दिया. सच्चई क्या है, यह अब तक कोई नहीं जानता.