संयुक्त राष्ट्र : तालिबान हमले में बची एवं महिला शिक्षा के प्रचार प्रसार कर रही पाकिस्तानी किशोरी मलाला यूसुफजई को 2013 मानवाधिकार पुरस्कार से नवाजने की घोषणा की गयी.
हर पांच साल पर दिया जाने वाला यह पुरस्कार मानवाधिकार के क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए दिवंगत नेल्सन मंडेला सरीखी हस्तियों को दिया जा चुका है. इससे पहले यह एमनेस्टी इंटरनेशनल और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जिम्मी कार्टर को दिया गया था.
मानवाधिकार उच्चायोग के कार्यालय (ओएचसीएचआर) ने एक बयान में कहा, पुरस्कार पुरस्कृत किये जाने वालों की उपलब्धियों को ना सिर्फ लोक मान्यता देने का एक अवसर है, बल्कि यह दुनिया भर में मानवाधिकार की रक्षा करने वालों को स्पष्ट संदेश देता है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय सभी के लिए मानवाधिकार को बढ़ावा देने के उनके अथक प्रयासों के लिए आभारी है और समर्थन करता है.
मलाला के अतिरिक्त पांच अन्य को भी इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. उनमें गुलामी खत्म करने के लिए कार्य कर रहे मॉरिटानिया के बिरम दाह आबिद, कोसोवा के मानवाधिकारकर्मी हिलीमनियेता आपुक, वर्ल्ड फेडरेशन ऑ डीफ की अध्यक्ष लीसा कौप्पिनेन, मारेक्को ऐसोसिएशन फॉर ह्युमन राइट्स की पूर्व अध्यक्ष खदीजा रयादी और मेक्सिको का सुप्रीम कोर्ट ऑफ जस्टिस शामिल हैं.पुरस्कार मानवाधिकार दिवस समारोह के एक हिस्से के रुप में 10 दिसंबर को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में दिया जाएगा.