वाशिंगटन : अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया नौवहन सुरक्षा, मानवीय सहायता और आपदा के दौरान अभियान चलाने जैसे कार्यों के माध्यम से वास्तविक जीवन की चुनौतियों का सामना करने की क्षमता में सुधार कर नई दिल्ली के साथ सहयोग मजबूत करने पर सहमत हो गए हैं.
कल वाशिंगटन में दोनों देशों के विदेश एवं रक्षा मंत्री की 28वीं वार्षिक बैठक के बाद जारी संयुक्त मंत्रिस्तरीय विज्ञप्ति में भारत के साथ परस्पर सहयोग मजबूत करने की इच्छा जताई गई.
अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्री जॉन केरी और रक्षा मंत्री चक हेजल ने किया जबकि ऑस्ट्रेलियाई प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मामलों की मंत्री जूली बिशप और रक्षा मंत्री डेविड जॉन्स्टन ने किया.
संयुक्त विज्ञप्ति के मुताबिक, ‘‘अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने क्षेत्रीय सामरिक और आर्थिक शक्ति के तौर पर भारत के महत्व को स्वीकारा और दोनों ही देश स्थायित्व तथा शांति की तरफ बढ़ते अफगानिस्तान में हो रहे परिवर्तनों सहित मध्य एशिया से लेकर दक्षिण एशिया में एकीकृत व्यापार गलियारे में हो रहे विकास और आपसी हितों को लेकर भारत के साथ काम करते रहेंगे.’’
बयान में कहा गया है ‘‘वे :अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया: नौवहन सुरक्षा, मानवीय सहायता और आपदा के दौरान अभियान जैसी वास्तविक जीवन की चुनौतियों का सामना करने की क्षमता में सुधार कर भारत के साथ सहयोग को मजबूत करने पर सहमत हो गए.’’हिंद महासागर में नौवहन स्वतंत्रता के महत्व पर जोर देते हुए संयुक्त विज्ञप्ति में यह भी कहा गया कि वे हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री डकैती का जवाब देने के लिए आपसी सहयोग को जारी रखेंगे.
बयान के अनुसार, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया आपसी हितों के क्षेत्रों और बुनियादी सुविधाओं के वित्तपोषण को देखते हुए जी 20 जैसे वैश्विक आर्थिक मंचों के माध्यम से भारत के साथ सहयोग को और घनिष्ठ करना चाहते हैं.
ऑस्ट्रेलिया को अपना महत्वपूर्ण सहयोगी बताते हुए केरी ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दोनों ही देशों में संबंध तेजी से घनिष्ठ हो रहे हैं और वे ट्रांस प्रशांत महासागर सहयोग समझौते को अंतिम रुप देने के और करीब आ गए हैं.