वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के समक्ष यह स्पष्ट कर दिया है कि उनके देश को आतंकी समूहों के बीच फर्क नहीं रखना चाहिए. यह जानकारी व्हाइट हाउस से जारी एक बयान में दी गयी है. व्हाइट हाउस के प्रेस उपसचिव एरिक शुल्त्ज ने कल अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में संवाददाताओं को बताया, ‘राष्ट्रपति के लिए जो एक बात महत्वपूर्ण थी, वह यह थी कि पाकिस्तान को आतंकी समूहों में अंतर नहीं करना चाहिए. पहले भी हम यह बात स्पष्ट कर चुके हैं और कल द्विपक्षीय बैठक में भी यह बात दोहरायी गयी.’ अधिकारियों के अनुसार, पाकिस्तान ने सिर्फ उन्हीं आतंकी समूहों को निशाना बनाया, जो पाकिस्तान सरकार के खिलाफ रहे हैं. बृहस्पतिवार को ओवल ऑफिस में ओबामा और शरीफ की मुलाकात लगभग 90 मिनट तक चली.
शुल्त्ज ने कहा, ‘ओबामा ने इस बात को रेखांकित किया कि अमेरिका पाकिस्तान के साथ एक व्यापक, टिकाउ और दीर्घकालिक साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध है, जो कि पाकिस्तानी जनता के लिए प्रगति लाती है और पाकिस्तान के लोकतंत्र एवं नागरिक समाज को मजबूत बनाती है.’ उन्होंने कहा, ‘विशेष तौर पर आतंकवाद के मुद्दे पर राष्ट्रपति ओबामा और प्रधानमंत्री शरीफ दोनों ने ही कहा कि हमारे दोनों देशों को आतंकियों से खतरा है और पाकिस्तानी जनता ने बहुत कष्ट सहे हैं.’ शुल्त्ज ने कहा, ‘इन नेताओं ने आतंकवाद निरोधी द्विपक्षीय सहयोग को जारी रखने की प्रतिबद्धता जतायी. ओबामा ने शांतिपूर्ण वार्ता को विफल करने और क्षेत्र को अस्थिर करने की कोशिश करने वाले आतंकवादियों के खिलाफ पाकिस्तान द्वारा प्रभावी कदम उठाये जाने के महत्व को रेखांकित किया.’
अमेरिका की चार दिवसीय आधिकारिक यात्रा के बाद कल शरीफ पाकिस्तान के लिए रवाना हो गये. विदेश मंत्रालय ने उनके इस दौरे को सफल बताया. विदेश मंत्रालय के उपप्रवक्ता मार्क टोनर ने कहा, ‘इस दौरे ने पाकिस्तान के साथ हमारे मजबूत और विकसित होते संबंध को रेखांकित किया. स्पष्ट तौर पर कहा जाए तो इसने विभिन्न मुद्दों पर हमारे सहयोग को मजबूती देने का एक अवसर दिया.’ उन्होंने कहा, ‘निश्चित तौर पर सुरक्षा सबसे पहली प्राथमिकता है लेकिन यहां आपसी हितों के अन्य मुद्दे भी हैं जिनमें आर्थिक विकास, व्यापार, निवेश, स्वच्छ ऊर्जा, परमाणु सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और क्षेत्रीय स्थिरता के मुद्दे पर सहयोग शामिल है.’ प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद से बेहद प्रभावित हुआ है और उसने बीते कुछ समय में आतंकवाद से निपटने के लिए कदम उठाये हैं.
टोनर ने कहा, ‘हम इन प्रयासों को विस्तार लेते देखना चाहते हैं. लेकिन यह बेहद जटिल स्थिति है. आपके एक ओर अफगानिस्तान है और तालिबान की मौजूदगी लगातार बनी हुई है. फिर भारत के साथ आपका तनाव है, जिसपर गौर किये जाने की जरुरत है.’ एक सवाल के जवाब में उन्होंने दोहराया कि भारत और पाकिस्तान को अपने विवाद द्विपक्षीय एवं शांतिपूर्ण तरीकों से सुलझाने चाहिए. टोनर ने कहा, ‘हमारा रुख इस बात पर बिल्कुल स्पष्ट रहा है कि भारत और पाकिस्तान को वार्ता की जरुरत है. उन्हें सुरक्षा से जुडी अपनी आपसी चिंताओं पर एक-दूसरे के साथ चर्चा करनी चाहिए और उनके बीच एक गहरा संपर्क होना चाहिए. क्योंकि उस पूरे क्षेत्र की संपूर्ण सुरक्षा के लिए इन दोनों देशों के बीच बेहतर एवं उन्नत किस्म की वार्ता और अधिक सहयोग महत्वपूर्ण है.’