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मीडिया और मनोरंजन उद्योग से जुड़े लोगों ने की प्रधानमंत्री से जल्द 4जी नेटवर्क के विस्तार की मांग
न्यूयॉर्क: अमेरिकी मीडिया और मनोरंजन उद्योग से जुडे दिग्गजों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान 4जी नेटवर्क के जल्द विस्तार और टीवी डिजिटीकरण के लिए मजबूत पैरवी की है. इस दौरान मोदी ने उनसे कि भारत ‘‘उनके लिए सबसे बडा अवसर और सबसे बडी चुनौती पेश करता है.” इस बैठक के दौरान मौजूद […]
न्यूयॉर्क: अमेरिकी मीडिया और मनोरंजन उद्योग से जुडे दिग्गजों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान 4जी नेटवर्क के जल्द विस्तार और टीवी डिजिटीकरण के लिए मजबूत पैरवी की है. इस दौरान मोदी ने उनसे कि भारत ‘‘उनके लिए सबसे बडा अवसर और सबसे बडी चुनौती पेश करता है.” इस बैठक के दौरान मौजूद मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने सचल अवसंरचना को मजबूत करने का भी आह्वान किया जिनमें न्यूज कॉर्प के रुपर्ट मर्डोक, डिस्कवरी कम्यूनिकेशन्स के डेविड जैसलैव और सोनी एंटरटेनमेंट के माइकल लिंटन भी शामिल थे.
बैठक में प्रमुख ध्यान मीडिया और मनोरंजन उद्योग द्वारा भारत में रोजगार अवसरों के सृजन में निभाई जा सकने वाली भूमिका पर रहा. एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि विश्व के मनोरंजन उद्योग के 40 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करने वाले मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने ‘‘उर्जावान एवं सक्रिय नेतृत्व” के लिए प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की और साथ ही भारत के भविष्य के प्रति आशा जताई.इसमें कहा गया कि वे ‘डिजिटल इंडिया’ पहल से भारत में हो रहे डिजिटल रुपांतरण को लेकर उत्साहित थे.
उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था का मौजूदा मजबूत पथ इस क्षेत्र में प्रगति की रफ्तार तेज करने के लिए इसे एक अद्भुत क्षण बना देता है.मोदी ने कहा कि विश्व अब प्रौद्योगिकी संचालित युग में है, जहां डिजिटल अवसंरचना की वृद्धि उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी भौतिक संरचना की
बयान में कहा गया, ‘‘उन्होंने कार्यकारी अधिकारियों से कहा कि भारत उनके लिए सबसे बडा अवसर और सबसे बडी चुनौती दोनों पेश करता है, और उनसे भारत में निवेश योजनाओं को आकार देते समय क्षेत्रीय भाषाआंे को ध्यान में रखने का आग्रह किया.” प्रधानमंत्री ने ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी के जरिए छह लाख गांवों को जोडने के सरकार के विजन की बात की.
बैठक के दौरान न्यूज कॉर्प और 21स्ट सेंचुरी फॉक्स के अध्यक्ष रुपर्ट मर्डोक, 21स्ट सेंचुरी फॉक्स के सीईओ जेम्स मर्डोक, न्यूज कॉर्प के सीईओ रॉबर्ट थॉम्प्सन, स्टार इंडिया के सीईओ उदय शंकर, डिस्कवरी कम्यूनिकेशन्स के अध्यक्ष एवं सीईओ डेविड जैसलैव और सोनी एंटरटेनमेंट के सीईओ माइकल लिंटन के अतिरिक्त माइकल रोथ, सीईओ, इंटरपब्लिक गु्रप ऑफ कंपनीज, शाने स्मिथ, सीईओ वाइस मीडिया और मार्टिन सोरेल, सीईओ, डल्ब्यूपीपी भी शामिल थे.जेफ बेवकेस, सीईओ टाइम वार्नर, नैंसी ड्यूबुक, सीईओ ए एंड ई नेटवर्क्स, एंथनी प्रैट, अध्यक्ष विसी इंडस्टरीज, विलियम डुहामेल, रुट वन इन्वेस्टमेंट कंपनी और जेफ उब्बेन, सीईओ वैल्यूएक्ट कैपिटल भी इस बैठक में मौजूद थे.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरुप ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इन सभी ने कहा कि मनोरंजन चैनलों की उल्लेखनीय वृद्धि और भारत के युवाओं द्वारा ऐसी सामग्री की ज्यादा मांग के संदर्भ में भारत उनके लिए सबसे बडा बाजार है. उन्होंने भारतीय व्यवस्था के तीव्र डिजिटलीकरण की मांग की.” मिसाल के तौर पर, शेन स्मिथ ने कहा कि वह 4जी व्यवस्था का जल्द से जल्द प्रसार चाहते हैं. यह ऐसी बैंडविड्थ है, जिसकी जरुरत उन्हें अपने कार्यक्रमों के प्रसारण के वास्ते लोगों तक जल्दी पहुंच बनाने के लिए पडती है.सभी मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने कहा कि भारत पहले ही उनके लिए एक बडा बाजार है और उन्हें मौजूदा नियमों से कोई दिक्कत नहीं है.मोदी ने इस बारे में कई सुझाव भी दिए कि किस तरह मीडिया और संचार कंपनियां भारत की विकास कहानी का हिस्सा हो सकती हैं.स्वरुप ने बताया कि उन्होंने एक विचार भारत में संचार विश्विविद्यालयों की स्थापना के बारे में व्यक्त किया.
अमेरिका में भारतीय राजदूत अरुण के सिंह ने कहा कि गोलमेज बैठक के दौरान जो एक और पहलू सामने आया, वह यह था कि डिजिटल तकनीकों और मोबाइल मंचों ने समावेश एवं सशक्तीकरण के लिए मीडिया तक पहुंच के लोकतंत्रीकरण का अवसर उपलब्ध करवाया है इसलिए ज्यादा अवसंरचनाओं का निर्माण आगामी वर्षों में इन दोनों ही प्रक्रियाओं के लिए एक अहम तत्व होगा.इस बात पर चर्चा हुई कि किस तरह से मीडिया भारत के विकास एजेंडे का साझीदार बन सकता है.
राजदूत ने कहा कि उदाहरण के लिए, पर्यटन और ऐतिहासिक स्थलों से जुडे संदेशों को प्रभावी ढंग से पर्यटन क्षेत्र ही प्रसारित कर रहा है. वह मेहमाननवाजी और पर्यटन की प्रक्रिया में लोगों को प्रभावी साझेदार बनने के लिए प्रशिक्षित भी कर रहा है. एक सवाल के जवाब में स्वरुप ने कहा कि मीडिया क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की 26 प्रतिशत की मौजूदा सीमा को बढाए जाने का कोई उल्लेख नहीं किया गया.
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