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यूनान के प्रधानमंत्री ने डाला वोट, जनमत संग्रह को बताया भाग्य का फैसला

एथेंस : धन संकट में घिरे यूनान के मतदाताओं ने आज एक जनमत संग्रह के लिए मतदान किया जिसे प्रधानमंत्री एलेक्सिस सिपरस ने इसे यूरो मुद्रा क्षेत्र में यूनान के भाग्य का फैसला करने वाला करार दिया है. यूनान की वित्तीय प्रणाली के लड़खड़ा कर ध्वस्त होने का खतरा है और सरकार ने लोगों जनमत […]

एथेंस : धन संकट में घिरे यूनान के मतदाताओं ने आज एक जनमत संग्रह के लिए मतदान किया जिसे प्रधानमंत्री एलेक्सिस सिपरस ने इसे यूरो मुद्रा क्षेत्र में यूनान के भाग्य का फैसला करने वाला करार दिया है.

यूनान की वित्तीय प्रणाली के लड़खड़ा कर ध्वस्त होने का खतरा है और सरकार ने लोगों जनमत संग्रह के जरिए पूछा है कि विदेशी कर्ज के लिए कर्जदाताओं की शर्तों पर ह्यहांह्ण कहा जाए या नहीं. प्रधानमंत्री सिपरस ने राजधानी एथेंस ने जनमत संगह का अपना वोट डालने के बाद कहा, कोई लोगों की जीने, संकल्प के साथ जीने और अपना भाग्य खुद तय करने की इच्छा की अनदेखी नहीं कर सकता.
जनमत संग्रह में ऋण दाताओं के पैकेज को इनकार किए जाने पर यूनान यूरो मुद्रा क्षेत्र से बाहर भी हो सकता है. एथेंस में देवी एथेना के मंदिर की पहाडी की तलहटी से लेकर एजियन सागर में दूरदराज तक फैले 1.1 करोड की आबादी वाले यूनान के द्वीपों के लोगों के लिए आज सुबह से ही मतदान केंद्र खोल दिए गए थे.
यह जनमत संग्रह सरकार द्वारा कड़े पूंजी नियंत्रण के बीच कराया जा रहा है. इस नियंत्र के तहत बैंक बंद कर दिए गए हैं और लोगों को बैंकों के एटीएम से एक दिन में 60 यूरो (67 डालर) तक की निकासी की छूट है. यूरोपीय संघ व अंतरराष्ट्रीय निवेशकों की निगाह इस जनमत संग्रह पर है. इसे यूरोप की एकल मुद्रा के लिए सबसे बडी चुनौती के रुप में देखा जा रहा है जो 1999 में अस्तित्व में आई और जिसे दो साल बाद यूनान ने अंगीकार किया.
धन संकट में घिरे यूनान के मतदाताओं ने आज एक जनमत संग्रह के लिए मतदान किया जिसे प्रधानमंत्री एलेक्सिस सिपरस ने इसे यूरो मुद्रा क्षेत्र में यूनान के भाग्य का फैसला करने वाला करार दिया है.
यूनान की वित्तीय प्रणाली के लड़खड़ा कर ध्वस्त होने का खतरा है और सरकार ने लोगों जनमत संग्रह के जरिए पूछा है कि विदेशी कर्ज के लिए कर्जदाताओं की शर्तों पर हां कहा जाए या नहीं. प्रधानमंत्री सिपरस ने राजधानी एथेंस ने जनमत संग्रह का अपना वोट डालने के बाद कहा, कोई लोगों की जीने, संकल्प के साथ जीने और अपना भाग्य खुद तय करने की इच्छा की अनदेखी नहीं कर सकता. जनमत संग्रह में ऋण दाताओं के पैकेज को इनकार किए जाने पर यूनान यूरो मुद्रा क्षेत्र से बाहर भी हो सकता है.

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