वाशिंगटन: पाकिस्तान के ‘आतंक का केंद्रबिन्दु’ बने रहने की बात करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को कहा कि रविवार को नवाज शरीफ के साथ उनकी मुलाकात को लेकर अपेक्षाओं को कम करना होगा.राष्ट्रपति बराक ओबामा से बातचीत के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आतंकवादी गतिविधियों के मद्देनजर अपेक्षाएं कम रखनी होंगी क्योंकि हमारे उपमहाद्वीप में वह अब भी सक्रिय हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि हालांकि वह न्यूयॉर्क में शरीफ से मुलाकात को लेकर आशान्वित हैं लेकिन कल जम्मू के पास दोहरे आतंकवादी हमले की पृष्ठभूमि में पाकिस्तान के विरद्ध कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है और देश के अंदर मुलाकात को रद्द करने की मांग उठ रही है.ओबामा के साथ बातचीत पर उन्होंने कहा, ‘‘हमने अफगानिस्तान और पाकिस्तान समेत क्षेत्र में हालात पर चर्चा की. मैंने राष्ट्रपति ओबामा को उन कठिनाइयों के बारे में बताया जिनका हम पाकिस्तान में अब भी आतंकवाद का केंद्र बना होने से सामना कर रहे हैं.’’उन्होंने कहा, ‘‘मैं प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात के लिए आशान्वित हूं भले ही हमारे उपमहाद्वीप में आतंकवादी ताकतों के अब भी सक्रिय होने से अपेक्षाओं को थोड़ा कम करना होगा.’’
ओबामा ने कहा कि दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान और पाकिस्तान के संबंध में बातचीत की.उन्होंने कहा, ‘‘हमें पाकिस्तान और उप महाद्वीप में तनाव में शांतिपूर्ण तरीके से कमी के हमारे साझा हितों पर चर्चा करने का मौका मिला.’’पाकिस्तान के साथ संबंधों में सुधार के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के प्रयासों की सराहना करते हुए ओबामा ने कहा, ‘‘हम भारत और पाकिस्तान के बीच सहयोग में सुधार में सतत रुचि रखने के लिए प्रधानमंत्री सिंह के बेहद शुक्रगुजार हैं.’’ उपमहाद्वीप में तनाव बरकरार रहने पर चर्चा करने के लिये दोनों नेताओं को मिले अवसर का जिक्र करते हुए ओबामा ने कहा, ‘‘हम दोनों के इस बात को सुनिश्चित करने में साझा हित हैं कि अफगानिस्तान शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक देश बनने की अपनी राह पर बढता रहे.’’
प्रधानमंत्री सिंह ने सीरिया और ईरान में कूटनीति को एक और मौका देने की ओबामा की परिकल्पना की तारीफ की. उन्होंने कहा कि भारत इन पहलों का पूरी तरह समर्थन करता है क्योंकि 60 लाख भारतीय पश्चिम एशिया में अपनी आजीविका चलाते हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए ईरान और सीरिया में शांति और सुरक्षा में जो कुछ भी योगदान देता है वह वैश्विक शांति और अर्थव्यवस्था की मदद करेगा.’’