सेंट पीटर्सबर्ग: भारत ने पेशेवरों को काम के लिए एक देश से दूसरे देश में जाने की स्वतंत्रता पर पाबंदी के नए उपायों से बचने की आज पुरजोर वकालत करते हुए कहा कि उनकी आवाजाही पर ज्यादा पाबंदी से वैश्विक आर्थिक वृद्धि दम तोड़ सकती है. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने यहां जी.20 शिखर सम्मेलन के दूसरे कार्य सत्र में हस्तक्षेप करते हुए रोजगार सृजन के लिए विकासशील देशों में ढांचागत विकास को प्रोत्साहित करने की नई वित्तपोषण योजनाओं की जरुरत पर बल दिया.
उन्होंने कहा, ‘‘ उच्च कार्यकुशलता वाले क्षेत्रों में पेशेवरों की आवाजाही, सभी देशों में वैश्विक एकीकरण का एक महत्वपूर्ण पहलू बन चुका है.’’ सिंह ने, ‘ इस विषय में जब तक कोई बहुपक्षीय समझौता नहीं हो जाता तब तक हमें इनकी आवाजाही पर नए प्रतिबंधात्मक उपायों से बचना चाहिए क्यों कि पाबंदी से आने वाले वर्षों में वैश्विक आर्थिक वृद्धि का दम घुट सकता है.’’सिंह ने कहा कि सभी नेता इस बात पर सहमत हैं कि आर्थिक वृद्धि एवं रोजगार सृजन इस शिखर सम्मेलन का मुख्य संदेश होना चाहिए. उन्होंने कहा कि विकासशील देशों में आर्थिक वृद्धि एवं रोजगार सृजन के लिए ढांचागत क्षेत्र में निवेश एक महत्वपूर्ण साधन है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि लास काबोस में हुए शिखर सम्मेलन में वित्त मंत्रियों को ऐसे उपायों पर विचार करने का निर्देश दिया गया था जिनसे जी.20 देश ढांचागत क्षेत्र के लिए वित्त प्रवाह बढ़ाने में मदद कर सके.उन्होंने कहा, ‘‘ औद्योगिक देशों ने साबित कर दिखाया है कि गैर परंपरागत मौद्रिक नीति को बड़े कारगर तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है अब हमें विकास परियोजनाओं के वित्त पोषण के मामले में भी कुछ इसी तरह का तरीका निकालने की जरुरत है.