इस्लामाबाद : उग्रवादियों ने पाकिस्तान के दक्षिण पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत में 121 वर्ष पुरानी उस ऐतिहासिक इमारत को आज हमला कर बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया जिसमें देश के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना रहा करते थे.
इस हमले में एक पुलिसकर्मी भी मारा गया.उग्रवादियों ने बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा से करीब 120 किलोमीटर दूर स्थित जियारत में कायदे आजम रेजिडेंसी पर हमला किया. उन्होंने वहां चार बम लगाकर विस्फोट किया और बाद में गोलियां भी चलाईं.
विस्फोटों और गोलियों के कारण इमारत में आग भी लग गई जिसपर चार घंटे बाद काबू पाया जा सका. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गोलीबारी में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई. आग से, इमारत का लकड़ी से बना हिस्सा, फर्नीचर और जिन्ना के स्मृति-चिह्न भी नष्ट हो गए.
टेलीविजन पर दिखाए गए फुटेज से पता चलता है कि इमारत की छत नष्ट गई है और केवल ईंटों से बना ढांचा ही सही सलामत है.
जिला पुलिस प्रमुख असगर अली ने बताया कि बम निरोधक दस्ते ने छह अन्य बम ढूंढकर उन्हें निष्क्रिय कर दिया है. प्रत्येक बम में करीब तीन किलोग्राम विस्फोटक इस्तेमाल किए गए थे. अली ने बताया कि जियारत में अग्निशमन सेवा उपलब्ध न होने के कारण आग बुझाने में अधिक समय लग गया. इसके लिए क्वेटा से दमकल गाड़ियां बुलाई गईं.
सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी है और हमलावरों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान शुरु कर दिया है.
इस रेजिडेंसी का निर्माण 1892 में किया गया था और शुरुआत में यह ब्रिटिश गवर्नर जनरल के एजेंट का ग्रीष्मकालीन निवास थी.
जिन्ना जब टीबी से पीड़ित थे तो उन्होंने अपने जीवन के अंतिम दिन इस इमारत में बिताए थे. इसके बाद इस इमारत को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया गया था.