इस्लामाबाद : पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ की कानूनी मुसीबतें लगातार जारी हैं और आज इसी क्रम में आतंकवाद विरोधी अदालत ने बलूच नेता अकबर बुगती की 2006 में एक सैन्य अभियान में हत्या के मामले में उनकी जमानत की अर्जी को खारिज कर दिया. क्वेटा में कल आतंकवाद विरोधी अदालत के न्यायाधीश मोहम्मद इस्माइल बलूच ने मुशर्रफ के वकील मोहम्मद इलियास द्वारा दाखिल जमानत अर्जी पर सुनवाई की और अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया था. आज सुनवाई के दौरान जज ने जमानत आवेदन को खारिज कर दिया.
मुशर्रफ द्वारा दिए गए आदेश के तहत की गयी सैन्य कार्रवाई के दौरान अगस्त 2006 में बुगती की एक गुफा में मौत हो गयी थी. अकबर बुगती के बेटे नवाबजादा जमील बुगती ने अपने पिता की हत्या के लिए जिन लोगों को जिम्मेदार ठहराया था उनमें मुशर्रफ, पूर्व प्रधानमंत्री शौकत अजीज, पूर्व गृह मंत्री आफताब अहमद खान शेरपाओ, बलूचिस्तान के पूर्व गवर्नर औवेस घानी तथा स्थानीय अधिकारी अब्दुल समद लासी शामिल थे.
इसी अदालत ने कल मुशर्रफ , अजीज , घानी तथा डेरा बुगती के पूर्व जिला प्रशासन प्रमुख लासी के खिलाफ गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. बलूच नेता की इसी जिले में हत्या की गयी थी. अदालत ने मुशर्रफ तथा अन्य के बार बार के समन के बावजूद अदालत में पेश होने में विफल रहने के बाद वारंट जारी किया था.
69 वर्षीय पूर्व राष्ट्रपति को 11 मई के आम चुनाव में खड़े होने के लिए मार्च में स्व निर्वासन से पाकिस्तान लौटने के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया गया था. वह कई बड़े मामलों में आरोपों का सामना कर रहे हैं जिनमें 2007 में पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या तथा 2007 के आपातकाल के दौरान दर्जनों जजों को हिरासत में रखे जाने का मामला भी शामिल है. पूर्व सेना प्रमुख को इस समय इस्लामाबाद में उनके फार्म हाउस में रखा गया है जिसे उप जेल घोषित कर दिया गया है.