वडोदरा:पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफने नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के मद्देनजर अपनी बहुचर्चित भारत यात्रा के एक दिन पूर्व घोषणा की थी कि गिरफ्तार मछुआरों को उनकी नौका सहित रिहा कर दिया जाएगा. मछुआरों को तो रिहा कर दिया है लेकिन नौकाओं को अभी वापस नहीं किया गया है.
गुजरात भाजपा में मछुआरा इकाई के संयोजक वेलभाई मसानी ने केंद्र सरकार से कराची के तट पर लंगर डाली गई कम से कम 57 नौका मालिकों के प्रतिनिधिमंडल को वहां भेजने की व्यवस्था किए जाने की मांग की है.
मसानी गुजरात मछुआरा संघ के उपाध्यक्ष भी हैं. उन्होंने बताया कि पिछले कुछ वर्षों से इन नौकाओं को पाकिस्तान के समुद्री सुरक्षा एजेंसी द्वारा बंधक बनाया गया है. कथित रुप से ये भटककर पाकिस्तानी जलक्षेत्र में चली गयी थीं.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इस साल मई में 151 भारतीय मछुआरों को नौका सहित रिहा किए जाने का आश्वासन दिया था.
मसानी ने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. उन्होंने बताया कि मछुआरों को तो रिहा कर दिया गया लेकिन नौकाओं को दुरुस्त किया जाना है और इसलिए किसी प्रतिनिधिमंडल को कराची भेजे जाने की जरुरत है.
उन्होंने पीटीआई को बताया, इन नौकाओं को समुद्र में परिचालन योग्य बनाए जाने में करीब एक महीने का वक्त लग जाएगा. लंगर डाली गई नौकाओं के निरीक्षण के लिए पिछले महीने पाकिस्तान गए प्रतिनिधिमंडल में मसानी भी शामिल थे. इस प्रतिनिधिमंडल में मछुआरों के संगठन के सदस्य और गुजरात सरकार के अधिकारी शामिल थे.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के मद्देनजर अपनी भारत यात्रा के एक दिन पूर्व मछुआरों को उनकी नौका सहित वापस किये जाने की घोषणा की थी.कम से कम 151 मछुआरे भारत लौट आए लेकिन उनकी नौका अभी भी भारत नहीं पहुंची है.
मसानी के मुताबिक कुल 853 नौकाएं पाकिस्तान के कब्जे में हैं जो वहां के विभिन्न तटों पर लंगर डाले हुए हैं. इस बीच पिछले महीने पाकिस्तान यात्रा के लिए गए प्रतिनिधिमंडल में शामिल गुजरात के मछुआरा विभाग के उप निदेशक पी सी मल्ली के मुताबिक यात्रा से संबंधित रिपोर्ट गुजरात सरकार को सौंप दी गई है.
मल्ली के मुताबिक, नौकाओं को दुरुस्त करने में प्रति नौका लगभग दो लाख रुपए की लागत आएगी.