वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा वर्ष 2016 के अंत तक अमेरिकी सैन्य बलों की अफगानिस्तान से पूर्ण वापसी की घोषणा के बावजूद वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों का मानना है कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान में खतरा बना हुआ है.
एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा, अफगानिस्तान और पाकिस्तान में अलकायदा के शीर्ष नेतृत्व को तोडने के प्रयास जारी हैं और इसके जरिए दुनिया के इन हिस्सों में इनके खतरे को समझा जा सकता है. इसका मतलब यह नहीं है कि अलकायदा का अस्तित्व नहीं है. निश्चित रुप से अब भी अफगानिस्तान और पाकिस्तान से इसका खतरा बरकरार है.
अधिकारी ने कहा, हमारा मानना है कि हमने अलकायदा नेतृत्व के खिलाफ महत्वपूर्ण कदम उठाया है. अधिकारी का यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति की उस घोषणा के परिप्रेक्ष्य में आया है जिसमें उन्होंने यह कहा था कि 2015 की शुरुआत से 2016 के अंत तक अफगानिस्तान से 9,800 सैन्य बलों की वापसी होगी. अधिकारी ने यह स्पष्ट किया कि अमेरिका आतंकवाद के विरुद्ध अभियानों को जारी रखेगा.
अधिकारी ने कहा, हम आतंकवाद के विरुद्ध लडाई जारी रखना चाहते हैं क्योंकि हम अलकायदा को पुनर्जीवित होने नहीं देना चाहते. हम इनके असर को फिर से पनपने नहीं देना चाहते. इसका मतलब यह है कि हम इस क्षेत्र में आतंकवाद के विरुद्ध अभियान को जारी रखने वाले हैं. वरिष्ठ अधिकारी ने संवाददाताओं को बताया कि इसका अर्थ यह है कि हम अफगानिस्तान के सुरक्षा बलों को प्रशिक्षण देते रहेंगे और इन खतरों को कम करने में गंभीरता से मदद करते रहेंगे. अमेरिका का मानना है कि अफगानिस्तान की सुरक्षा का दीर्घकालिक हल अमेरिकी सैन्य बल नहीं हैं.