सोल : दक्षिण कोरिया में डूबने वाली नौका से सबसे पहले आपात सूचना देने वाले हाईस्कूल के छात्र का शव बरामद कर लिया गया है. नई रिपोर्ट के अनुसार उसका (छात्र) शव जलमग्न नाव से बरामद किया गया है.
छात्र की पहचान उसके उपनाम चोई से की गई है. पिछले हफ्ते 6,825 टन वजनी सिवोल (नौका) के डूबने से पहले भेजे गए आपात सिग्नल से भी पहले चोई ने आपातकालीन दूरभाष 119 पर इस हादसे की सूचना दे दी थी. उसने नौका के डूबने की जानकारी सवेरे 8:52 पर आपात सिग्नल भेजे जाने से 3 मिनट पहले दी थी.
अपने संदेश में चोई ने कहा था, हमें बचाओ, नाव डूब रही है. इस संदेश ने आपदा के प्रति नौका के कप्तान और चालक दल के अन्य सदस्यों की धीमी प्रतिक्रिया को लेकर फैले आक्रोश को बढा दिया है. हादसे में मरने वालों की संख्या आज 162 तक पहुंच गई है, वहीं 140 लोग अब भी लापता हैं. लापता लोगों के डूबी हुई नाव में ही फंसे होने की आशंका है. नाव के डूबने के हालातों की व्याख्या होना अभी भी बाकी है.
योनहाप समाचार एजेंसी के मुताबिक गोताखोरों ने छात्र के शव को नौका के अंदर से प्राप्त किया है, जिसकी पहचान उसके (छात्र) माता-पिता द्वारा की गई है. एक डीएनए टेस्ट के माध्यम से उसकी पहचान की पुष्टि की जा रही है. चोई उन 325 छात्रों में से एक था जो एक ही हाईस्कूल के थे. ये सभी उस पलटने वाली नौका पर सवार थे जो जेजू के दक्षिणी रिसोर्ट द्वीप की ओर जा रही थी.
जब चोई ने आपात संदेश भेजा तब उस पर सवालों की बौछार कर दी गई और उससे यही जानने का प्रयास किया गया कि कितने लोग नौका पर सवार हैं. एक तटरक्षक अधिकारी ने बाद में संवाददाताओं को बताया कि आपात सेवा कर्मियों ने छात्र को गलती से चालक दल का सदस्य समझ लिया था. नौका के कप्तान और 11 क्रू सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया है जिन पर अभी आरोप तय किए जाने बाकी हैं.