प्रियंका महेश्वरी, निदेशक,
वेदांत एसेट्स
आज जब महिलाएं हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रहीं हैं, पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिला कर आगे बढ़ रहीं हैं, यह जरूरी हो गया है कि वे घर की जवाबदेही को संभालती हुई खुद व परिवार के लिए आवश्यक फाइनेंिशयल प्लानिंग भी करें और भविष्य की जरूरतों का भी पूरा ख्याल रखें.
महिलाओं के बिना परिवार की कल्पना नहीं की जा सकती. वे अपना सब कुछ अपने परिवार को देती हैं, पर खुद के लिए कभी फाइनेंिशयल प्लानिंग नहीं करतीं. इसके कारण उन्हें परिवार के पुरुष सदस्यों पर निर्भर रहना पड़ता है. वे खुद के रिटायरमेंट प्लान, इन्वेस्टमेंट, हेल्थ प्लान पर ध्यान नहीं दे पातीं. इसका असर बाद में दिखता है, जब परिवार में विकट स्थिति आती है या घर का कमाऊ सदस्य नहीं रह जाता है.
तब वे बेबस व लाचार हो जाती हैं. वे समझ नहीं पातीं कि कौन-सा निर्णय उनके भविष्य के लिए जरूरी है? तब उनके हाथ में कुछ नहीं रहता. घर में रहने महिलाएं हों या कामकाजी, फाइनेंसियल प्लानिंग दोनों के लिए जरूरी है. आंकड़े बताते हैं कि पुरुषों की तुलना में महिलाएं ज्यादा काम करती हैं, लेकिन उन्हें तुलनात्मक रूप से कम आय होती है. साथ ही महिलाओं की जीवन प्रत्याशा पुरुषों की तुलना में अधिक होती है. लिहाजा, यह जरूरी है कि पुरुषों के मुकाबले वह अपने भविष्य को लेकर फाइनेंिशयल प्लानिंग ज्यादा करें. यह इसलिए भी जरूरी है कि जीवन के अंतिम दिनों में उनकी आत्मनिर्भरता बनी रहे.
रिटायरमेंट प्लानिंग
महिलाओं को अपने लिए भी रिटायरमेंट प्लानिंग जरूर करनी चाहिए. चूंकि पुरुषों की तुलना में उनकी आयु अधिक होती है, इसलिए इसको ध्यान में रखते हुए पुरुषों की तुलना में उन्हें अधिक या दोगुना निवेश करना चाहिए ताकि बुढ़ापे में उन्हें किसी पर निर्भर न होना पड़े.
निवेश के सही विकल्प का करें चुनाव
महिलाओं को इक्विटी और डेब्ट का सही समिश्रण कर निवेश करना चाहिए, ताकी बुढ़ापे में ज्यादा समय तक और अधिक रिटर्न मिल सके. महिलाओं को कम उम्र में और जल्दी निवेश करना अधिक फायदेमंद होता है और पावर ऑफ कंपाउंडिंग की वजह से अधिक फायदा उन्हें बाद में मिलता है. इसके लिए वे किसी आर्थिक सलाहकार की मदद ले सकती हैं.
हेल्थ इंश्योरेंस लें
महिलाओं को 40-45 की उम्र के बाद परेशानियां बढ़ जाती है. स्वास्थ्य पर अधिक खर्च करना पड़ता है. इसमें सारी जमा पूंजी चली जाती है. इसके लिए जरूरी है कि न सिर्फ अपना, बल्कि अपने पूरे परिवार का हेल्थ इंश्योरेंस करा कर रखें, ताकि जाने अनजाने किसी दुर्घटना या स्वास्थ्य संबंधी बीमारी के समय पूरा लाभ मिल सके. समय पर ही लेना चाहिए ताकि अधिक से अधिक बीमारियों का इलाज आसानी से हो सके.
टर्म प्लान जरूर लें
घर के मुखिया या आय करने वाले सदस्य का टर्म प्लान होना बहुत जरूरी है. यह टर्म प्लान सही राशि का होना चाहिए. अपने जीवन शैली और अपनी क्षमताओं के अनुसार सही टर्म प्लान का चुनाव करना आवश्यक है. जिससे कि किसी विपरीत परिस्थिति में अगर परिवार पर विपदा आती है तो सदस्यों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े है.
पहला कदम : अपने घर का बजट बनाना
महिलाओं को फाइनेंिशयल प्लानिंग में पहला कदम है कि अपने घर का बजट बनायें. खर्चों को व्यवस्थित करें. घर की फाइनेंिशयल प्लानिंग को देखते हुए निवेश के लिए तैयारी करनी चाहिए. छोटी-छोटी बचत से ही एक बड़ी पूंजी तैयार होती है.
बक्से में कैश न रखें
सामान्यतया महिलाएं पैसे बचाती ही हैं. वे बचाये हुए पैसे को कैश के रूप में अपने बक्से में या घर के लॉकर में जमा रखने में विश्वास रखती हैं. ये पैसे लंबे भविष्य के लिए काम लायक नहीं रहते. उसी पैसे को निवेश कर दें, तो न सिर्फ उनके लिए बेहतर होगा, बल्कि भविष्य के लिए भी बहुत कारगर साबित होगा.
जरूरत भर रखें सोना
महिलाओं में सोने के प्रति आकर्षण होता है और वे हमेशा पर्व त्योहारों पर सोने की खरीदारी करतीं हैं. समय की मांग है कि वे अपने इस आकर्षण को जरूरत भर ही रखें. सोने में जरूरत से ज्यादा खर्च करना बुद्धिमता नहीं है. कुछ महिलाएं बच्चों के विवाह के लिए समय-समय पर सोने की खरीदारी करते हुए जमा करती हैं, लेकिन अगर गौर करें, तो सोने में उतना लाभ नहीं मिलता.