वाशिंगटन : अमेरिका ने कहा कि भारत की दिग्गज आईटी कंपनियां एच1बी वीजा का गलत तरीके से इस्तेमाल कर रही हैं. उसने भारत की दो दिग्गज आईटी कंपनी टीसीएस और इन्फोसिस पर एच1बी वीजा में दुरुपयोग का आरोप लगाया है. ट्रंप प्रशासन ने 21 अप्रैल को कहा कि लॉटरी सिस्टम में ज्यादा से ज्यादा आवेदन कर ये कंपनियां एच1बी वीजा के कोटे में बड़ा हिस्सा हासिल कर लेती हैं.
इसे भी पढ़ें : अमेरिका : एच-1 बी वीजा बिल से विदेशियों को नौकरी पर रखना हो जायेगा मुश्किल
हाल ही में अमेरिकी सरकार ने लॉटरी सिस्टम की जगह योग्यता आधारित आव्रजन नीति लाने का इरादा जताया है. इस संदर्भ में ट्रंप ने एच1बी वीजा कार्यक्रम के नियम कड़े करने के मकसद से एक शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर की किया है ताकि इसके ‘दुरुपयोग’ को रोका जा सके. साथ ही, इससे यह तय किया जा सके कि वीजा ‘सबसे कुशल और सबसे ज्यादा वेतन पाने वालों’ को दिये जाएं.
लॉटरी सिस्टम से भारतीय कंपनियों को मिलने वाले सबसे अधिक वीजा पर उठाया सवाल
व्हाइट हाउस के बड़े अफसर ने कहा कि टीसीएस, इन्फोसिस और काग्निजेंट जैसी कंपनियां बड़ी संख्या में वीजा आवेदन देती हैं, नतीजा होता है कि लॉटरी में उन्हें ज्यादा एच1बी वीजा मिलते हैं. ये तीनों कंपनियां एच1बी वीजा पाने वाली तीन सबसे बड़ी कंपनियां हैं. अफसर ने कहा कि ये कंपनियां एच1बी वीजाधारक को 60-65 हजार डॉलर का सालाना वेतन देती हैं, जबकि सिलिकन वैली में सॉफ्टवेयर इंजीनियर का औसतन वेतन 1 लाख 50 हजार डॉलर के करीब होता है.
इंट्री लेवल की नौकरियों के लिए किया जाता है वीजा का इस्तेमाल
अक्सर यह कंपनियां इंट्री लेवल की नौकरियों के लिए भी एच1बी वीजा का इस्तेमाल करती हैं. अमेरिकी सरकार के आरोप में तीनों कंपनियों की कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है. इस अफसर का कहना है कि सिर्फ पांच से छह फीसदी एच1बी वीजा पेशेवरों को उच्च वेतन मिलता है. इससे साफ है कि अमेरिकी कर्मी की तुलना में एच1बी वीजाधारक को बेहद कम वेतन मिलता है.
लॉटरी सिस्टम में योग्यता और वेतन का नहीं रखा जाता ख्याल
ट्रंप प्रशासन ने आरोप लगाया कि एच1बी वीजा की लॉटरी व्यवस्था में कौशल या वेतन पर ध्यान नहीं दिया जाता है, लिहाजा इससे बदलना जरूरी है. एच1बी वीजा संबंधित नए शासकीय आदेश पर दस्तखत करते हुए ट्रंप ने कहा था कि इस समय, एच1बी वीजा पूरी तरह से अव्यवस्थित लॉटरी के जरिये दिये जाते हैं, जो कि गलत है. इसके बजाय ये सबसे कुशल और सर्वाधिक वेतन प्राप्त करने वाले ऐप्लिकेंट को दिये जाने चाहिए.
अमेरिकियों के बदले अन्य को नौकरी देने पर नहीं किया जाना चाहिए वीजा का इस्तेमाल
साथ ही उन्होंने कहा था कि इन वीजा का इस्तेमाल कभी भी अमेरिकियों की जगह किसी अन्य को नौकरी देने के लिए नहीं किया जाना चाहिए. ट्रंप ने कहा कि अगर अमेरिकी कर्मियों को उचित और समान अवसर दिये जायें, तो कोई उनका मुकाबला नहीं कर सकता और दशकों से ऐसा नहीं हुआ है. एच1बी वीजा नीति में बदलाव ट्रंप के नारे ‘अमेरिकी सामान खरीदें, अमेरिकियों को नौकरी दें’ के तहत किया जा रहा है.