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सीरिया पर अमेरिकी हमले का असर : ब्रिटेन के साथ मिल रूस को समझाएगा अमेरिका, मगर ईरान में बढ़ सकता है तनाव

वाशिंगटन : अभी हाल ही में सीरिया के नागरिकों पर किये गये रासायनिक हमले के बाद जवाबी कार्रवाई में अमेरिका की ओर से किये गये हमले के बाद दुनिया के देशों में गोलबंदी शुरू हो गयी है. दुनिया भर के कई देश अमेरिका के समर्थन में खड़े नजर आ रहे हैं, तो कई उसके इस […]

वाशिंगटन : अभी हाल ही में सीरिया के नागरिकों पर किये गये रासायनिक हमले के बाद जवाबी कार्रवाई में अमेरिका की ओर से किये गये हमले के बाद दुनिया के देशों में गोलबंदी शुरू हो गयी है. दुनिया भर के कई देश अमेरिका के समर्थन में खड़े नजर आ रहे हैं, तो कई उसके इस जवाबी हमले का विरोध कर रहे हैं. इस बीच खबर यह भी आ रही है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरीजा मे से फोन पर हुई बातचीत में रूस को समझाने के लिए सही वक्त होने का जिक्र किया है. उधर, आशंका यह भी जाहिर की जा रही है कि अमेरिका की ओर से सीरिया पर जवाबी हमला किये जाने के बाद ईरान में तनाव बढ़ने का खतरा भी मंडरा रहा है.

रासायनिक हमले के जवाब में अमेरिका ने सीरिया पर दागी 60 मिसाइलें, भड़का रूस

ब्रिटिश दूतावास की ओर से जारी किये गये बयान के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरीजा मे से सीरिया में नागरिकों पर हुए रासायनिक हमले के बाद वहां किये गये अमेरिकी हमलों पर बातचीत की है. ब्रिटिश दूतावास ने बताया कि पिछले सप्ताह असद शासन के खिलाफ अमेरिकी सैन्य कार्रवाई का समर्थन करने पर ट्रंप ने ब्रिटेन की प्रधानमंत्री का शुक्रिया अदा किया.

मास्को यात्रा के दौरान टिलरसन निकाल सकते हैं कोई राजनीतिक समाधान

दूतावास की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अब रूस को यह समझाने का अवसर आ गया है कि सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद का सहयोग करना उसके रणनीतिक हित में नहीं है. फोन पर हुई बातचीत में दोनों नेताओं ने इस बात पर भरोसा और उम्मीद जाहिर की है कि कि अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन की अगले सप्ताह होने वाली मॉस्को यात्रा के दौरान मुद्दे पर स्थाई ‘राजनीतिक समाधान’ की दिशा में प्रगति होगी. दोनों नेताओं ने ईरान और उत्तर कोरिया की ओर से पेश किये जा रहे क्षेत्रीय खतरों पर भी चर्चा की.

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सीरिया पर अमेरिकी हमले ने बढ़ाई ईरान में तनाव बढ़ाने का खतरा

वहीं, ईरान से खबर यह भी आ रही है कि सीरिया में मिसाइल हमले करने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले ने ईरान के साथ तनाव बढ़ने का जोखिम पैदा कर दिया है. सीरिया में चल रहे मौजूदा संघर्ष में ईरान सीरियाई राष्ट्रपति बशर असद का प्रबल समर्थक है. तेहरान ने शायरात एयरफील्ड पर किये गये मिसाइल हमले की निंदा की है और अधिकारियों ने परिणामों की आशंका जाहिर की है.

ईरान के खिलाफ अमेरिका का सीधे मैदान में उतरने का बढ़ रहा खतरा

कहा यह भी जा रहा है कि यह तनाव वाशिंगटन के लिए एक चुनौती पेश कर सकता है. वाशिंगटन खुद संघर्ष में उतरे बिना ही लंबे समय से असद के शासन और उसके ईरानी सहयोगियों से लड़ रहे विपक्षी समूहों को समर्थन देता आया है. सीरिया में अमेरिका जितना अधिक संलिप्त होता है, उससे आक्रामक ईरान के साथ सीधे संघर्ष में आ जाने की आशंका उतनी ही अधिक बढ़ जाती है.

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ईरान की जवाबी कार्रवाई के निकल सकते हैं दूरगामी दुष्परिणाम

कहा यह भी जा रहा है कि यदि ईरान की ओर से जवाबी कार्रवाई की जाती है, तो इसके क्षेत्र में दूरगामी परिणाम हो सकते हैं. इन परिणामों की चपेट में अमेरिकी नौसैनिक पोतों से लेकर अमेरिका समर्थित अरब सरकारें भी आ सकती हैं. ईरान, इराक एवं सीरिया में इस्लामिक स्टेट (आईएस) समूह के खिलाफ लड़ रहे अमेरिकी बलों को निशाना बनाने के लिए हिज्बुल्ला और अन्य शिया मिलिशिया का भी इस्तेमाल कर सकता है या फिर क्षेत्र में कई अमेरिकी सहयोगियों पर भी हमला बोल सकता है.

सीरिया के रासायनिक हमले में मारे गये थे 80 से अधिक लोग

अमेरिका ने सीरिया में हुए रासायनिक हमले के दंड के तौर पर क्रूज मिसाइलों से हमले किये थे. रासायनिक हमले में 80 से ज्यादा लोग मारे गये थे. अमेरिका के मिसाइल हमलों का नतीजा यह भी हो सकता है कि ईरान असद सरकार के साथ मिलकर लड़ रहे रेवोल्यूशनरी गार्ड बलों को और मजबूती देने लगे.

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