क्या तुमने पैंगोलिन का नाम सुना है? आज मैं तुम्हें इस अजीब प्राणी के बारे में बताता हूं, जो दिन में बहुत कम दिखता है और अपना शिकार भी रात में ही करता है. यह प्रजाति भूटान, उत्तरी भारत, उत्तर पूर्व बंगलादेश, म्यांमार, वियतनाम, थाइलैंड, दक्षिण चीन और ताईवान में पायी जाती हैं.
पैंगोलिन को डायनासोर का वंशज माना जाता है, क्योंकि उसके हड्डियों की बनावट डायनासोर से मिलती है. अपने देश में दो तरह के पैंगोलिन पाये जाते हैं-भारतीय और चीनी. चीनी पैंगोलिन पूर्वोत्तर के राज्यों में पाया जाता है. दुनियाभर में पैंगोलिन की सात प्रजातियां पायी जाती हैं. ये वनों में पाये जाते हैं और आकर में छोटे होते हैं. पिछला पैर अगले पैर की तुलना में बड़ा और मोटा होता है. इसके दांत नहीं होते. यह जीभ से ही शिकार करता है. इसके जीभ करीब 25 सेंटीमीटर तक होती है और वह आसानी से अपने शिकार को अपनी जीभ पर चिपका लेता है.
पैंगोलिन का रक्षा कवच
पैंगोलिन का शरीर लंबा होता है और शरीर पर शल्क होते हैं. ये शल्क सुरक्षा कवच का काम करते हैं. इसके चेहरे, गले और पैरों के आतंरिक हिस्सों में कवच नहीं होता. पैंगोलिन के शल्क पुराने पड़ने पर झड़ते और बनते रहते हैं. शल्क का रंग भूरे से लेकर पीला तक होता है. शरीर का शल्कमुक्त भाग सफेद, भूरे और कालापन लिए होता है.
पेड़ों पर चढ़ने में माहिर
पैंगोलिन रात में भ्रमण करते हैं. ये पेड़ पर चढ़ने में माहिर होते हैं. पैंगोलिन का मुख्य आहार चीटियों और दीमकों के अंडे हैं. ये दीवारों और पेड़ों पर चढ़ कर चीटियों और दीमक के अंडों को अपनी लंबी जीभ से चट कर जाते हैं. जरूरत पड़ने पर ये चीटियों को भी निगल जाते हैं.
डरपोक होते हैं पैंगोलिन
पैंगोलिन डरपोक होते हैं और किसी को हानि नहीं पहुंचाते. दिन के समय ये बिलों में छिप जाते हैं. इन बिलों को वे मिट्टी से ढंक देते हैं. इनके बिल जहां चट्टानी स्थलों पर डेढ़ से पौने दो मीटर तक लंबे होते हैं, वहीं भुरभुरी मिट्टीवाले स्थानों पर यह छह मीटर तक लंबे होते हैं. वे अपनी रक्षा के लिए सिर पेट में छिपा लेते हैं और पूरे शरीर को चक्र की तरह मोड़ लेते हैं ताकि शरीर के संवदेनशील हिस्से सुरक्षित रहें. पैंगोलिन अपनी रक्षा के लिए बॉल के आकार में लुढकता है. इसकी मांसपेशियां इतनी मजबूत होती हैं कि लिपटे हुए पैंगोलिन को सीधा करना बड़ा कठिन होता है. कोई मजबूत मांसभक्षी ही इनका शिकार कर सकता है. शेर और बाघ के लिए भी इसका शिकार कर पाना आसान नहीं होता.