पाकिस्तान में इन दिनों अल्पसंख्यकों को उनका हक़ दिलाने की बातें ज़ोर-शोर से की जा रही हैं.
वहां हाल में हिंदू मैरेज बिल आया, जिसके बाद ये समुदाय भी शादियों का रजिस्ट्रेशन करा पाएगा.
इसके अलावा नोबेल पुरस्कार जीतने वाले पहले पाकिस्तानी वैज्ञानिक डॉक्टर अब्दुस्सलाम (जो क़ादियानी समुदाय के थे और जिन्हें पाकिस्तान में इस्लाम से ख़ारिज कर दिया गया है) के नाम पर इस्लामाबाद की यूनिवर्सिटी के एक विभाग का नाम रखा गया.
जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने से संबंधित एक क़ानून बनाने की कोशिश भी की गई.
हालांकि बहुत कुछ अब भी नहीं बदला है. लेकिन प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ का दावा है कि जल्द ही पाकिस्तान अल्पसंख्यक फ़्रेडली मुल्क़ बन जाएगा.