जमुई : माओवादियों के फरमान के बाद बामदह बाजार पीछले पांच दिनों से बंद है. पुलिस दुकान खुलवाती है और पुलिस के जाते ही लोग दुकान बंद कर लेते हैं. बामदहवासी पशोपेश में हैं. माओवादियों ने 24 फरवरी तक बामदह से पुलिस कैंप हटाये जाने का फरमान जारी किया है. अगर इस तारीख तक कैंप नहीं हटाया जाता है, तो ग्रामीणों को परिणाम भुगतने की धमकी दी गयी है.
फिलहाल बामदह में लोगों के बीच माओवादियों का भय इस कदर व्याप्त है कि उनके घरों में चूल्हा तक नहीं जल रहा है. जहां बामदह बाजार की दुकानें नहीं खुल रही हैं, वहीं सड़क पर दिन में भी लोग दिखाई नहीं दे रहे हैं. किसी अनहोनी को लेकर ग्रामीण सकते में हैं. नाम व फोटो नहीं देने के सवाल पर ग्रामीण बताते हैं कि वर्षो पूर्व भी कई ग्रामीण नक्सलियों के भय से घरवार छोड़ पलायन कर चुके हैं.
नक्सलियों के बढ़ते आंतक को देख कर स्थानीय लोगों की गुहार पर पुलिस कैंप की स्थापना के बाद शेष बचे लोग शांति महसूस कर रहे थे. प्रशासन द्वारा जब पुलिस कैंप को हटाया जा रहा था तो हमलोगों ने अपने अमन-चैन के खातिर कैंप को नहीं हटाने का गुहार लगाया था. सब कुछ ठीकठाक ही था कि अचानक 27 नवंबर, 2 दिसंबर 2013 को नक्सलियों ने कई स्थानों पर पोस्टर चिपका कर पुलिस कैंप हटवाने का फरमान जारी किया.
ग्रामीण बताते हैं कि इधर कुछ दिन पूर्व सभी के घरों पर पत्र भेज कर संगठन ने समय निर्धारित कर पुलिस कैंप हटवाने का कड़ी चेतावनी दी है. जिसमें कहा गया है कि कैंप नहीं हटेगा तो अंजाम भुगतने को तैयार रहो.