गर्भावस्था लगभग 280 दिनों की होती है. इस दौरान महिलाओं को कुछ सामान्य और कुछ असामान्य अवस्थाओं से गुजरना पड़ता है. इस अवस्था में ऐसी दवाएं चुननी चाहिए, जिन दवाओं के दुष्परिणाम न हों. अंगरेजी दवाओं का उपयोग कुछ मामलों में मां और बच्चे दोनों की सेहत पर बुरा असर डालता है. अत: होमियोपैथी एक सुरक्षित विकल्प है.
सुरक्षा का ध्यान रखते हुए होमियोपैथी ही एक मात्र ऐसा विकल्प है, जो बिना किसी दुष्परिणाम के समस्याओं का समाधान करती है. प्रस्तुत हैं गर्भावस्था में होनेवाली परेशानियां, बचाव और उपचार.
उल्टी या जी मिचलाना : सुबह उठने के बाद उल्टी होना या जी मिचलाना सामान्यत: वैसी महिलाओं को अधिक होता है जो पहली बार गर्भवती हुई हैं. यह समस्या गर्भधारण के पहले और दूसरे महीने में अधिक होती है, तीसरे-चौथे महीने आते स्वत: समाप्त हो जाती है, परंतु कभी-कभी यह समस्या पूरे गर्भ के दौरान बनी रहती है जिससे शरीर में पानी की कमी हो जाती है जिसे हाइपरइमेसिस गरेविडेरम कहते हैं जो एक कष्टदायक समस्या है.
बचाव : सुबह बिस्तर से उठते ही एक दो बिस्किट या फल खा लेने से उतनी परेशानी नहीं होती है.
उपचार : सिपिया : 200 शक्ति. सुबह उठते ही उल्टी जैसा लगे, खट्टा अचार खाने का मन करे.
नक्स वोम : 200 शक्ति. अगर कुछ खाने के बाद उल्टी जैसा लगे.
सिमकेरिकारपस रेसीमोसा : 200 शक्ति. हाइपरइमेसिथेसिस गरेविडेरम की स्थिति में यह एक उत्तम दवा है.
कमर दर्द : यह समस्या छठे महीने से शुरू हो जाती है. कमर की नस में खिंचाव, गलत तरीके से बैठने, सोने और मांसपेशियों के खिंचाव से होता है.
बचाव : चलते, बैठते, उठते समय सावधानी बरतें, जल्दबाजी न करें. आराम करने से दर्द में कमी आ जाती है.
उपचार : सिमिसि फुगा : 200 शक्ति. दर्द कमर से होते हुए जांघ तक जाये और सेंकने से अच्छा लगे.
रसटाक्स : 200 शक्ति. कमर में दर्द और जकड़न. कड़ी जगह पर चलने या सोने पर आराम लगे और बैठने पर बचैनी हो.
पैर में खिंचाव : खून में कैल्शियम की कमी के कारण समस्या उत्पन्न हो जाती है. कभी-कभी कम पानी पीने से भी पैरों में खिंचाव होता है.
बचाव : प्रतिदिन तीन गिलास दूध का और पनीर, दही का प्रयोग करें. 8-10 गिलास पानी रोज पिएं.
उपचार : रसटाक्स : 200 शक्ति. रात में बेचैनी ठंडी हवा बर्दाश्त न हो.
क्यूप्रम मेट : 200 शक्ति. हाथ और पैर की मांसपेशियों में खिंचाव और बांधकर रखने की इच्छा करे.
ही जलना : अधिक देर भूखे रहने तथा अधिक मात्र में मसालेदार भोजन करने से ही जलने की समस्या होती है.
बचाव : ज्यादा देर खाली पेट न रहें.
मसालेदार भोजन से परहेज करें.
उपचार : नक्सवोम : 200 शक्ति. मसालेदार भोजन करने पर.
कब्ज : गर्भवती महिलाओं में कब्जियत होना प्रमुख समस्या है क्योंकि प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन के अधिक होने से आंत की तनाव में कमी आ जाती है तथा बच्चेदानी का दबाव गुदा (रेक्टम) पर पड़ने लगता है इसी वजह से कब्जियत की समस्या उत्पन्न हो जाती है.
बचाव : तली, मसालेदार भोजन से परहेज.
हरी रेशेदार सब्जियों पालक, मेथी आदि के साग का प्रयोग अधिक करें. टहलना या हल्का व्यायाम.
उपचार : नक्स वोम : 200 शक्ति. मल त्यागने की बार-बार इच्छा रहे ऐसा लगे कि अभी और रह गया.
ब्रायोनिया : 200 शक्ति. मल सूखा कड़ा लगे ऐसा लगे जैसे मल त्यागने का रास्ता फट जायेगा.
एलुमिना : 200 शक्ति. शौच की इच्छा न रहे, मल सूखा, गांठ जैसा रहे. अपने से निकालने की इच्छा करे.
प्रो (डॉ) एस चंद्रा
एमबीबीएस (पैट) एमडी (होमियो) चेयरमैन, बिहार राज्य होमियोपैथी चिकित्सा बोर्ड, पटना