आमिर हुसैन महज़ आठ साल के थे जब एक हादसे में उनके दोनों हाथ चले गए लेकिन उनका हौसला नहीं टूटा.
हालांकि वो तक़रीबन तीन साल बिस्तर से लगे रहने को मजबूर रहे. लेकिन उनके अंदर सचिन को लेकर दीवानगी थी और उससे पैदा हुआ था क्रिकेट का जुनून.
और इससे शुरु हुई नए ज़द्दोजहद की शुरूआत. इस खेल में उनकी दिलचस्पी भी बड़े नाटकीय अंदाज़ में शुरू हुई.
बीबीसी से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, "उस दिन भारत-पाकिस्तान मैच था. मैं सचिन की बल्लेबाज़ी देखने के लिए बेक़रार था. मैं मैच देखने पड़ोसी के घर गया. जब सचिन चौका मारते या बेहतरीन शॉट लगाते, मैं ख़ुश हो जाता था. पड़ोसी को इस पर ग़ुस्सा आता, वे कहते कि मैं शोर मचा रहा हूं. अंत में उन्होंने मुझे अपने घर से बाहर निकाल दिया. मैं मकान के बाहर खिड़की के छूटे सुराखों से सचिन की बल्लेबाज़ी देखता रहा."
पर इस घटना ने आमिर की ज़िंदगी बदल कर रख दी. उन्होंने फ़ैसला कर लिया कि वे अब क्रिकेट में कुछ कर दिखाएंगे.
दादी ने आमिर की हौसला आफ़जाई की.
वे कहते हैं, "हादसे के बाद मेरी दादी बाल फेंकती थीं, मैं पैरों से बॉल पकड़ता था. कई दिनों तक ऐसा ही चलता रहा, मैं बाद में गांवों के लड़कों के साथ क्रिकेट खेलने लगा."
आमिर ने अपने गांव से निकल कर डिग्री कॉलेज बिजबेहड़ा में पहला मैच खैला, जहां वे 30 रन बनाने में कामयाब रहे.
हालांकि भारत प्रशासित कश्मीर के निवासी इस युवा को 12वीं में पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी. उनके पिता एक मामूली किसान हैं.
डिग्री कॉलेज आमिर के पड़ोस में था और वो वहां जाया करते थे. उनके खेल को देखकर कॉलेज वालों ने उन्हें खेलने का मौक़ा दिया जिससे उनको खेल में आगे जाने में मदद मिली.
उन्होने बीबीसी से कहा, "जब मैं डिग्री कॉलेज पहुंचा तो वहां लड़कों ने कहा कि हाथ के बग़ैर तुम भला कैसे खेलोगे? लेकिन मैंने खैला और पंद्रह मिनट तक गर्दन और कंधे से गेंद पकड़कर मैदान में डटा रहा, मैंने 30 रन बनाए. इस मैच के बाद मुझे जम्मू-कश्मीर पारा क्रिकेट टीम में खेलने का मौक़ा मिला."
आमिर ने साल 2013 में पहली बार कश्मीर से बाहर लखनऊ में मैच खैला, उसके बाद उन्हें दिल्ली में खेलने का मौक़ा मिला.
आमिर सिर्फ बल्लेबाज़ी ही नहीं, गेंदबाज़ी भी कर लेते हैं. वे पैरों से ही गेंद फेंकते हैं.
वे सचिन के अलावा विराट कोहिली को भी बहुत पसंद करते हैं.
उन्होंने कहा "एक दिन जडेजा ने मुझे फ़ोन कर बताया कि विराट ने आप के लिए ट्वीट किया है, वे आपसे मिलना चाहते हैं."
आमिर फ़िलहाल जम्मू-कश्मीर पारा क्रिकेट टीम के कप्तान हैं.
जम्मू कश्मीर पारा क्रिकेट टीम राज्य के जिस्मानी तौर पर कमज़ोर खिलाडियों की टीम है.
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)