गृहमंत्री राजनाथ सिंह हिंसा और तनाव से जूझ रही घाटी में सुरक्षा-व्यवस्था का जायज़ा लेने के लिए बुधवार को दो दिन के दौरे पर जम्मू कश्मीर जा रहे हैं.
हिज्बुल कमांडर बुरहान वानी की मौत के बाद वहां पिछले 45 दिनों से कर्फ्यू है.
राजनाथ सिंह कश्मीर में माहौल खराब होने के बाद दूसरी बार जा रहे हैं. दो दिन के दौरे में वो हुर्रियत नेताओं के साथ बातचीत की कोशिश करेंगे.
इसके पहले नरेंद्र मोदी ने कुछ दिनों पहले कश्मीर में उमर अब्दुल्ला के प्रतिनिधित्व में विरोधी दलों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की थी.
इसके बाद सरकार की ओर से कश्मीर समस्या के स्थायी समाधान निकालने और सभी पक्षों से बात करने की बात कही गई.
राजनाथ सिंह के कश्मीर दौरे को इसी कड़ी में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.
दक्षिण कश्मीर के इलाके से फिर से हिंसा की खबर है. यहां गुस्सा और प्रदर्शन जारी होने से कर्फ्यू की स्थिति खत्म नहीं रही है.
मंगलवार को उत्तरी कश्मीर पांडिपोरा में प्रदर्शन और सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ हुई थी.
जबकि दक्षिणी कश्मीर के सोपियान में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच गंभीर मुठभेड़ हुई है जिसमें 20 लोग घायल हुए हैं.
इस बीच केंद्र सरकार ने कानून व्यवस्था की स्थिति से निपटने के लिए वहां 12 साल बाद सीमा सुरक्षा बल को फिर से तैनात किया है.
कश्मीर में 8 जुलाई से खराब हुए हालात ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है.
(बीबीसी संवाददाता रियाज़ मसरूर से बातचीत पर आधारित.)
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