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झारखंड: पैरवी पत्रों से तबादले रुकवाते हैं अधिकारी

रांची: झारखंड के अधिकारी और अभियंता तबादला स्थगित कराने के लिए पैरवी पत्र लिखवाते हैं. पैरवी पत्र मंत्री, विभागीय सचिव व संबंधित कार्यालय प्रभारी से लेकर सांसद और विधायक तक लिखते हैं. इन पैरवी पत्रों के बल पर अभियंता अपने तबादले और सेवा वापसी के आदेश तक रोक देते हैं. कई मामले ऐसे भी हैं, […]

रांची: झारखंड के अधिकारी और अभियंता तबादला स्थगित कराने के लिए पैरवी पत्र लिखवाते हैं. पैरवी पत्र मंत्री, विभागीय सचिव व संबंधित कार्यालय प्रभारी से लेकर सांसद और विधायक तक लिखते हैं. इन पैरवी पत्रों के बल पर अभियंता अपने तबादले और सेवा वापसी के आदेश तक रोक देते हैं. कई मामले ऐसे भी हैं, जब पैरवी पत्रों पर तबादला या सेवा वापसी का स्थगन आदेश जारी नहीं होने पर भी अभियंता और अधिकारी पहले की तरह अपने पद पर कार्यरत हैं.

सचिव ने की कार्रवाई की अनुशंसा : जल संसाधन विभाग के अभियंता सरकार के लगभग सभी कार्य विभागों (वर्क्‍स डिपार्टमेंट) में कार्यरत हैं. इस कारण दूसरे विभागों में कार्यरत अभियंताओं को वापस पैतृक विभाग लाने का आदेश जारी होने के बाद भी जल संसाधन अपने अभियंताओं को वापस नहीं ला पा रहा है. जल संसाधन सचिव अविनाश कुमार ने बिना स्थगन आदेश के पूर्व पद पर काम कर रहे अभियंताओं की सूची तैयार करने का आदेश दिया है. साथ ही इन अभियंताओं पर कठोर कार्रवाई की अनुशंसा की है. उन्होंने जिन अभियंताओं के पैरवी पत्र आये हैं, उनकी और पैरवी करनेवालों की सूची बनाने को कहा है.

सरकार परेशान : पैरवी पत्रों से सरकार परेशान है. जल संसाधन विभाग के सचिव ने इससे संबंधित आदेश जारी किया है. आदेश में कहा गया है कि जिनकी सेवा विभाग से अन्यत्र कहीं सौंपी गयी है, वे अभियंता (सहायक, कार्यपालक, अधीक्षण और मुख्य अभियंता) पूर्व पद पर ही बने हुए हैं. कई मामलों में बिना स्थगन आदेश के भी वे पूर्व पद पर ही कार्यरत हैं. सचिव ने स्थानांतरण आदेश स्थगित करने से संबंधित सभी अभ्यावेदनों को निरस्त करने का आदेश दिया है. 21 जनवरी को फाइल पर की गयी नोटिंग में उन्होंने सभी अभियंताओं को अपने पद पर योगदान करने के लिए सात दिनों का समय दिया है.

केस1 जल संसाधन विभाग ने रांची के जिला अभियंता केसी सिंह की सेवा वापस पैतृक विभाग में लाने का आदेश निकाला. पर, केसी सिंह ने जल संसाधन विभाग में योगदान नहीं दिया. वह पूर्व पद पर बने रहे. इस बीच पंचायती राज विभाग में दूसरे अभियंता के पदस्थापन की फाइल आगे बढ़ी. फाइल पर मंत्री चंद्रशेखर दुबे ने लिखा कि केसी सिंह महत्वपूर्ण पद पर हैं. उनके तबादले का असर विकास कार्यो पर पड़ेगा. इस वजह से 31 मार्च तक वह पूर्व पद पर बने रहेंगे. हालांकि, इन पंक्तियों के लिखे जाने तक जल संसाधन विभाग को आधिकारिक रूप से यह जानकारी नहीं दी गयी.

केस2 श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण मंत्री चंद्रशेखर दुबे ने विभाग के विशेष सचिव विश्वनाथ शाह को उनके पद पर बने रहने देने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है. इनकी सेवा कार्मिक विभाग ने वन एवं पर्यावरण विभाग को वापस कर दी थी. विभागीय मंत्री ने अपने पत्र में लिखा था कि विशेष सचिव के स्थानांतरण से कार्यो के संपादन में बाधा उत्पन्न हो सकती है. उन्होंने लिखा था कि विभाग में पदाधिकारियों की कमी को देखते हुए विशेष सचिव का स्थानांतरण स्थगित कर दिया जाये.

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