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आपकी आत्मा को चाहिए बेहतर खाना
दक्षा वैदकर जिस तरह हम शरीर से संबंधित बीमारी होने पर खान-पान में बदलाव करते हैं, पौष्टिक आहार लेते हैं, उसी तरह हमें दिमाग में हो रही परेशानी के लिए भी खान-पान में बदलाव करना होगा. कई बार ऐसा होता है कि आप निराशा, तनाव और समस्याओं से घिरे हुए होते हैं. ऐसे में आपको […]
दक्षा वैदकर
जिस तरह हम शरीर से संबंधित बीमारी होने पर खान-पान में बदलाव करते हैं, पौष्टिक आहार लेते हैं, उसी तरह हमें दिमाग में हो रही परेशानी के लिए भी खान-पान में बदलाव करना होगा. कई बार ऐसा होता है कि आप निराशा, तनाव और समस्याओं से घिरे हुए होते हैं. ऐसे में आपको दिमाग व आत्मा को शांत करने के लिए इमोशनल डाइट लेने की जरूरत है.
जंक इमोशंस को करें दूर : अगर आपके भीतर अस्वस्थ इमोशंस हैं, कोई बात आपको मन ही मन खाये जा रही है, तो आप समझ जाएं कि आपकी अंतरआत्मा को इमोशनल डाइट की जरूरत है. याद रखें कि जिस तरह जंक फूड नुकसान पहुंचाते हैं, उसी तरह जंक इमोशंस भी हमें खोखला करते हैं. इसलिए आपको अपने भीतर के गुस्से, जलन, नफरत, नाराजगी, डर जैसे जंक इमोशंस को हटाना होगा. बेहतर है कि आप अपना ध्यान ऐसी चीजों में लगाएं, जो आपकी खुशी देती हैं.
दूसरों को माफ कर दें, बीती बातों को भूल जाएं. अपने अंदर हेल्दी इमोशंस जैसे आशावाद, कृतज्ञता, प्रसन्नता व प्यार को पैदा करें.
आसपास का माहौल है नकारात्मक : आपके चारों ओर मौजूद लोग कैसे हैं? वे आपको प्रेरित करते हैं या आपको हतोत्साहित करते हैं? यदि आपका परिवेश आपकी ऊर्जा कम करने वाला होता है, तो आपकी आत्मा परेशान होती है. अगर अब तक आपको चारों ओर ऐसे लोग हैं, तो उनके साथ कम समय बिताएं या पूरी तरह दूरी बना लें. आपका परिवेश ऐसा होना चाहिए, जो आपकी आत्मा को पोषण दे सके. आपके दिमाग को तरोताजा करे, न कि हर वक्त उन्हें चुनौती देता रहे.
स्मार्टफोन से पीछा छुड़ाएं : अगर आप उन लोगों में शामिल हैं, जो बिना फोन के बजे उसे यूं ही उठा कर बार-बार चेक करते हैं, तो समझ जाएं कि आप स्मार्टफोन के नशे का शिकार हो गये हैं. फोन के इस्तेमाल को कंट्रोल करें.
daksha.vaidkar@prabhatkhabar.in
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