दक्षिण सूडान की राजधानी जूबा में कई दिन चली हिंसक झड़पों के बाद राष्ट्रपति सल्वा कीर और उपराष्ट्रपति रीक माचार ने संघर्ष विराम का एलान कर दिया है.
दोनों नेताओं के समर्थक सैनिकों के बीच गुरुवार से शुरू हुई गोलीबारी में 200 से ज़्यादा लोग मारे गए हैं.
गोलीबारी से शुरू हुई हिंसा भारी तोपों, टैंकों और हेलिकॉप्टरों के इस्तेमाल तक पहुँच गई थी.
संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद ने भी दोनों पक्षों से लड़ाई रोकने का आह्वान किया था.
ताज़ा लड़ाई से लाखों नागरिकों की सुरक्षा पर ख़तरा पैदा हो गया था.
एक सर्वसम्मत घोषणा में सुरक्षा परिषद ने हिंसा की कड़े शब्दों में आलोचना की है.
साथ ही दक्षिण सूडान में शांतिबल बढ़ाने पर भी सहमति बनी है.
इससे पहले जूबा के नागरिकों ने बीबीसी को बताया है कि वो घरों के भीतर ही रह रहे हैं और सड़कों पर गोलीबारी की आवाज़ें सुनी जा सकती हैं.
रिपोर्टों के मुताबिक जूबा की सड़कों पर टैंक देखे गए हैं और एयरपोर्ट के पास हिंसक झड़पें हुई हैं.
सोमवार दोपहर सेना के एक प्रवक्ता ने बीबीसी को बताया कि राष्ट्रपति सालवा कीर के समर्थक सैनिकों को अपने बैरकों में लौटनों के लिए कहा गया है.
प्रवक्ता ने कहा कि जो सैनिक आदेश का पालन नहीं करेंगे और लूटमार करते पाए जाएंगे, उन्हें गिरफ़्तार किया जाएगा.
जूबा में संयुक्त राष्ट्र की एक प्रवक्ता शांतल परसॉद ने बताया है कि लड़ाई के बाद बड़ी तादाद में नागरिक संयुक्त राष्ट्र के परिसरों में शरण मांग रहे हैं.
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