जापान की संसद के उच्च सदन के लिए हुए चुनाव में प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे की पार्टी ने जीत का दावा किया है.
प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे ने कहा है कि देश की जनता ने उनकी आर्थिक नीतियों का समर्थन किया है.
एक्ज़िट पोल के मुताबिक़ उनकी पार्टी 121 सीटों में से अधिकतर जीत लेगी. इससे सदन में शिंज़ों आबे का बहुमत मज़बूत हो जाएगा.
यदि आबे दो-तिहाई बहुमत सुनिश्चित कर लेते हैं तो संसद के दोनों सदने में उनके पास दो-तिहाई बहुमत हो जाएगा.
ऐसा होने पर वो देश के शांतिवादी संविधान में संशोधन कर सकेंगे.
हालांकि आबे का कहना है कि अभी इस विवादित संशोधन के बारे में बात करना जल्दबाज़ी होगी.
जापान की संसद के उच्च सदन में 242 सीटें हैं जिनमें से 121 पर मतदान हुआ है.
जापान की राष्ट्रीय प्रसारण सेवा एनएचके का कहना है कि प्रधनमंत्री की लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) 67-76 तक सीटें जीत सकती है.
सदन की बाक़ी आधी सीटों में से आबे की पार्टी पहले से ही 77 पर क़ाबिज़ है.
प्रधानमंत्री आबे ने अपनी आर्थिक नीतियों को आधार बनाकर वोट मांगे थे.
टोकयो में बीबीसी संवाददाता स्टीफ़न इवांस मानते हैं कि इन चुनावों में संविधान संसोधन भी अहम मुद्दा रहा है.
माना जाता है कि शिंज़ों आबे संविधान के अनुच्छेद 9 में बदलाव लाना चाहते हैं.
संविधान का ये हिस्सा जापान को विदेशी धरती पर सेनाएं भेजने से रोकता है.
70 साल पहले जब जापान दूसरे विश्व युद्ध में हार गया था तब अमरीका ने जापान पर शांतिवादी संविधान थोपा था.
जापान में कुछ लोग इस प्रतिबंध को सही नहीं मानते हैं. चीन की बढ़ती सैन्य ताक़त और उपस्थिति भी जापान के लिए चिंता का विषय है.
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