पेइचिंग : भारत की न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप की सदस्यता के मुद्दे पर चीन ने अचानक यू टर्न लिया है. चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत और अन्य गैर एनपीटी देशों को शामिल करने के मुद्दे पर एनएसजी सदस्यों के बीच वार्ता चल रही है. चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुवा चुनिइंग ने कहा है कि हमने किसी भी देश भारत या पाकिस्तान को लक्षित नहीं किया. हम केवल परमाणु अप्रसार संधि की चिंता करते हैं.
इससेपहले कल चीन के विदेश मंत्रालय ने कहाथा किदक्षिण कोरिया की राजधानी सोल में न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप के हो रही बैठक में भारत को सदस्यता देनेका मुद्दा एजेंडे में शामिल नहीं है.
We did not target any country, India or Pakistan. We only care about non-proliferation treaty: Chinese foreign ministry spokesperson.
— Press Trust of India (@PTI_News) June 21, 2016
विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा है कि हमने किसी देश को टारगेट नहीं किया है, चाहे वह भारत हो या पाकिस्तान. हमलोगों की चिंता केवल परमाणु अप्रसार संधि से जुड़ी हुई है. यदि परमाणु अप्रसार संधि के नियम बदल दिए जाते हैं तो हम ईरान के साथ हुए न्यूक्लियर ट्रीटी की व्याख्या कैसे करेंगे.
उन्होंने भारत को एनएसजी पर दिये जा रहे अमेरिका के समर्थन पर कहा कि अमेरिका ही वह देश है जिसने नियम बनाया है और बिना परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर किये किसी को एनएसजी में शामिल नहीं किया जा सकता है.
US is one of those who made the rule that non-NPT signatories should not join the NSG: Hua on US' support for India's bid.
— Press Trust of India (@PTI_News) June 21, 2016
उल्लेखनीय है कि एनएसजी मेंबरशिप के भारत के दावे पर विरोध है. जहां इसके गिने-चुने सदस्य देश भारत का विरोध कर रहे हैं, वहीं ज्यादातर देश भारत की सदस्यता के मुखर समर्थक हैं. चीन चाहता है कि अगर भारत को इसकी सदस्यता मिले तो पाकिस्तान को भी सदस्यता दी जाये.