इस्लामाबाद : 60 फीसदी से ज्यादा पाकिस्तानियों का मानना है कि सरकारी विभागों में काफी भ्रष्टाचार है. पनामा पेपर्स लीक मामले में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच चल रहे वाक्युद्ध के बीच एक नये सर्वेक्षण में यह बात सामने आयी है. गैर सरकारी संगठन फ्री एंड फेयर इलेक्शन नेटवर्क (फाफेन) ने देश के 603 स्थानों पर फरवरी में 6030 लोगों का साक्षात्कार किया.
सर्वेक्षण में पाया गया कि कम से कम 64 फीसदी पाकिस्तानियों का मानना है कि सरकारी विभागों में काफी हद तक भ्रष्टाचार है. उनसे पूछा गया कि पिछले छह महीने में 25 सरकारी विभागों में से किसी से उनका आमना-सामना हुआ अथवा नहीं. विभागों में शिक्षा, स्वास्थ्य, जल और बिजली विकास प्राधिकरण, पुलिस, अदालत, राजस्व, चुनाव आयोग, सिंचाई, बेनजीर आय सहायता कार्यक्रम, नदरा, नगर निगम, रेलवे, पाकिस्तान अंतरराष्ट्रभ्य एयरवेज और आयकर विभाग शामिल हैं.
सभी चार प्रांतों, इस्लामाबाद राजधानी क्षेत्र और कबायली इलाके के कम से कम 3971 लोगाें (2305 पुरुष और 1685 महिलाओं) ने सकारात्मक जवाब दिये. सरकारी विभागों से जिन लोगों का काम पड़ा, उनमें से करीब दो तिहाई लोगों का मानना है कि कम से कम 25 सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार का स्तर या तो काफी ऊंचा है या ज्यादा है.