उत्तराखंड पुलिस के घोड़े शक्तिमान की अंतिम विदाई एक सिपाही की तरह होगी. देहरादून पुलिस पूरे सम्मान के साथ अपने घोड़े का अंतिम संस्कार करेगी.
देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सदानंद दाते का कहना है, "शक्तिमान हमारा सिपाही था और ड्यूटी के दौरान उसकी मौत हुई है तो हमलोग जिस तरह से अपने जवानों का अंतिम संस्कार करते हैं, उसी सम्मान के साथ शक्तिमान का भी अंतिम संस्कार करेंगे."
एक महीने पहले विधानसभा के पास बीजेपी के प्रदर्शन को क़ाबू करने में घुड़सवार पुलिस के साथ तैनात शक्तिमान पर बीजेपी विधायक गणेश जोशी ने कथित रूप से डंडे बरसाए थे, जिससे वो घायल हो गया था.
विशेषज्ञ डॉक्टरों की मदद से उसका इलाज चला और उसकी टूटी टांग की जगह कृत्रिम टांग लगाई गई.
घोड़ा खड़ा तो हो गया लेकिन उसकी हालत नाज़ुक ही बनी रही. आज उसकी टांग की सफ़ाई के लिए जब उसे एनस्थीसिया दिया गया, तो डॉक्टरों के मुताबिक़ वो इसके डोज़ को सह नहीं पाया और चल बसा.
देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सदानंद दाते ने कहा, “उसकी स्थिति में लगातार सुधार हो रहा था. वो अपने पैरों पर खड़ा हो गया था. खड़ा होने के बाद चलने भी लगा था. जो अमरीका से प्रोस्थेटिक लिंब आया था, उससे भी वो एडजस्ट हो रहा था… कंप्लिकेशन एनस्थीसिया के प्रीमेडिकेशन के दौरान हुआ. उसे इससे अचानक शॉक जैसा कुछ हुआ है. डॉक्टर यहीं पर हैं, जांच कर रहे हैं.”
उत्तराखंड में बर्ख़ास्त सरकार के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कुछ इस तरह अपना अफ़सोस जताया. उनका कहना था, “ये बहुद दुखद है. ज़र्बदस्त झटका लगा है. मुझे तकलीफ़ है कि शक्तिमान को नहीं बचा सके. जब हम समझ रहे थे कि कृत्रिम टांग पर खड़ा होकर वो फिर से पुलिस की शान बन सकेगा, तो वो हमें छोड़ कर चला गया.”
शक्तिमान की मौत के बाद कांग्रेस और बीजेपी के बीच अदालती मामले को लेकर जारी खींचतान के अलावा एक नया वाकयुद्ध छिड़ गया है. दोनों दल एक दूसरे को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं. एक तरफ़ बीजेपी ने घोड़े के इलाज में लापरवाही का आरोप लगा है, तो वहीं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि बीजेपी को तो आरोप लगाने का लाइसेंस मिला हुआ है.
घोड़े को पीट पीट कर अधमरा करने और उसकी टांग तोड़ने के आरोप में जेल की सज़ा काट चुके और अब ज़मानत पर रिहा बीजेपी विधायक गणेश जोशी कहते हैं, “ईश्वर उसकी आत्मा को शांति दे. अगर हमारी सरकार बनेगी तो हम उस शहीद की याद में एक पार्क बनाएंगे. हम एक पार्क में उसकी मूर्ति लगाएंगें, क्योंकि वो शहीद है. ड्यूटी करते हुए उसकी मौत हुई है. यही उसको सच्ची श्रद्धांजलि होगी.”
कांग्रेस इस मामले को बीजेपी के ख़िलाफ़, एक बार फिर आक्रामक रूप से जनता के बीच ले जाने की तैयारी कर रही है. उसका आरोप है कि “बीजेपी नेता ने सिर्फ़ घोड़े की टांग नहीं तोड़ी बल्कि उत्तराखंड जैसे राज्य की मानवीय गरिमा को भी तोड़ा है.”
कुल मिलाकर शक्तिमान की मौत पर उत्तराखंड की राजनीति गरम है.
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