वरिष्ठ समाजवादी नेता और सांसद शरद यादव लगातार तीन बार जनता दल-यूनाइटेड (जेडीयू) के अध्यक्ष रहने के बाद रविवार को इस पद से हट गए.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पार्टी के नए अध्यक्ष बनाए गए हैं.
जेडीयू अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद शरद यादव ने कहा, ”मैंने इस बार अध्यक्ष बनने से साफ़ मना कर दिया था. मेरा कोई विकल्प हो सकता है, तो वो नीतीश ही हो सकते हैं. उन्होंने एनडीए को हाल ही में भारी शिकस्त दी है, जो 2014 में भारी बहुमत से आई थी.”
वो कहते हैं, ”मैं अब थोड़ा अवकाश लेकर भविष्य में एक बड़ी पार्टी बनाने के दिशा में काम करूंगा. यह मेरा सपना है और इसी दिशा में यह मेरा पहला क़दम है.”
देश में इतनी चुनौतियां खड़ी हो गई हैं कि अब बड़ी पार्टी की ज़रूरत महसूस हो रही है. भविष्य में लोगों को बड़े पैमाने पर इकट्ठा होना पड़ेगा.
उन्होंने कहा, ”मुझे अध्यक्ष बने रहने के लिए फिर पार्टी के संविधान में संशोधन करना पड़ता. हमारी पार्टी एक लोकतांत्रिक पार्टी है. इसलिए मुझे ख़ुद यह लगा कि अपनी छवि के लिए यह सही होगा.”
उन्होंने बताया कि वो 1977 से संगठन में सक्रिय हैं और अब भी पार्टी में उसी तरह से सक्रिय रहेंगे. वो कहते हैं कि अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद से बाक़ी लोगों को भी गोलबंद करने के लिए उनके पास समय होगा.
वो कहते हैं कि पार्टी का विस्तार करना होगा. पहले जनता दल दूसरा सबसे बड़ा दल था. बीजेपी नहीं थी. लेकिन बाद में जनता परिवार का बड़े पैमाने पर बिखराव हो गया.
इस बिखराव को फिर से कैसे गोलबंद किया जाए इस पर काम करना है. इस सिलसिले में राष्ट्रीय लोक दल और झारखंड विकास मोर्चा के साथ हमारी बातचीत क़रीब अंतिम मुकाम तक पहुंच गई है.
वो कहते हैं, ”हमारा मक़सद एनडीए का विकल्प बनाने की है. हम मुलायम सिंह यादव को आगे करके एक बड़ी पार्टी बनाना चाहते थे. लेकिन वह प्रयास सफल नहीं हुआ. इसके बाद नया रास्ता यह पकड़ा हमने.”
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