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भविष्य में तकनीकी कपड़ों का बोलबाला

यह कोई कपोल कल्पना नहीं है. बल्कि साल 2025 में जीवन कैसा होगा इसका एक तरह का नमूना है. साल 2025 के जीवन के इस चित्र को विभिन्न वैज्ञानिकों, समाज विज्ञानियों और भविष्य को लेकर चिंतनशील रहने वाले लोगों से बातचीत के आधार पर बनाया गया है. तात्पर्य यह कि आज के मनुष्य के हाथों […]

यह कोई कपोल कल्पना नहीं है. बल्कि साल 2025 में जीवन कैसा होगा इसका एक तरह का नमूना है. साल 2025 के जीवन के इस चित्र को विभिन्न वैज्ञानिकों, समाज विज्ञानियों और भविष्य को लेकर चिंतनशील रहने वाले लोगों से बातचीत के आधार पर बनाया गया है. तात्पर्य यह कि आज के मनुष्य के हाथों में अगले सालों के जीवन की लगाम होगी. इंडिया 2025 की अगली कड़ी में आइए जानते हैं भविष्य के कपड़ों की तकनीक के बारे में.

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//सेंट्रल डेस्क//

जरा सोचें अगर आप कपड़ा पहने-पहने ही स्वीमिंग पूल में नहायें और जब नहा कर बाहर निकलें तो कपड़ा सूखा ही हो. या आग लगी है और आप उसमें घुस जायें, तो भी आग से आपको कोई नुकसान न हो. या फिर आपके पास जींस की एक ऐसी पैंट हो, जो कभी गंदी ही न हो. यही नहीं आपकी बॉडी फिट कपड़े ही ये बतायें कि आपके शरीर में कितने कीटाणु हैं, तो कैसा महसूस करेंगे आप! जी हां, ऐसा ही अनुभव होने जा रहा है अगले कुछ सालों में हमारे-आपके साथ.

कंपनी ने की है शुरुआत: वैसे तो अब तक भारत पारंपरिक पोशाक के लिए जाना जाता था, पर अब भारत भी तकनीकी टेक्सटाइल की ओर अपने कदम बढ़ा रहा है. कानपुर आधारित टेक्सटाइल कंपनी श्री लक्ष्मी कॉस्टयन कंपनी ने इस दिशा में अपने कदम बढ़ाये हैं. कंपनी के योजना प्रमुख निर्मल झाझरिया का कहना है कि – तकनीकी वस्त्र ही हमारा भविष्य होंगे. कानपुर आधारित यह कंपनी तकनीकी टेक्सटाइल प्रोजेक्ट पर 483 करोड़ रुपये निवेश कर रही है.

रसायन प्रतिरोधी कपड़ा : कंपनी के योजना प्रमुख झाझरिया की मानें तो कंपनी वैसे कपड़े बनायेगी जो परमाणु रसायन प्रतिरोधी होंगे. इतना ही नहीं ये लचीला होने के साथ-साथ आरामदायक भी होंगे. कंपनी के अनुसार वह अपने इस प्रोजेक्ट पर सालाना 15 करोड़ रुपये निवेश कर रही है. सूत और फाइबर के मिश्रण से निर्मित होनेवाला यह कपड़ा तकनीक से जुड़ा होने के साथ-साथ देखने में भी मन को भायेगा. या यूं कहें, देखने में आम कपड़े की तरह ही होंगे, लेकिन उनकी खूबियां तकनीकी होंगी. कंपनी प्रमुख के अनुसार वैसे तो अभी कपड़े पर ही मुख्य ध्यान है, पर आगे कंपनी दूसरे लाइफ स्टाइल प्रोडक्ट्स को भी तकनीक से जोड़ने पर विचार करेगी.

औद्योगिक क्षेत्रों के लिए उपयुक्त: एलएनजे टेक्सटाइल कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वाइसी गुप्ता के अनुसार तकनीक पारंगत इस कपड़े की कीमत सौ रुपये मीटर के आसपास होगी. जिसकी कीमत कुछ ज्यादा नहीं होगी. यह कपड़ा मोटे तौर पर औद्योगिक क्षेत्रों के कर्मचारियों के लिए लाभदायक होगा. गुप्ता के अनुसार कंपनी के बने इस कपड़े को भी वैश्विक स्तर के ब्रांडेड कपड़ों के साथ सप्लाई किया जायेगा. वहीं आइआइटी दिल्ली की टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी की प्रमुख कौशल सेन का कहना कि पश्चिम के देशों में नाइट वीयर के रूप में आग रोधी कपड़े पहनना अनिवार्य है. जब भारत में भी इस तरह का कोई कानून आयेगा, तो उसके जवाब में यह तकनीकी कपड़ा ही सामने आयेगा. डिजाइनर तकनीक का प्रयोग कर हम ऐसे कपड़े भी बना रह हैं, जो आपके स्वास्थ्य का ख्याल भी रखेंगे. उदाहरण के लिए आपकी गंजी में कुछ ऐसी तकनीक का प्रयोग किया जायेगा, जिसे पहनने के बाद वह डायबिटीज किट की तरह काम करेगी. वह आपके डायबिटीज के साथ बीपी की भी रेगुलर मॉनिटरिंग भी करेगा. (प्रस्तुति: राहुल गुरु)

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