अकसर हम किसी खास कार्य को किये जाने के पहले ही सोच लेते हैं कि यह काम हमसे नहीं होगा. ऐसी परिस्थिति से बाहर निकलने के लिए इस कहानी को पढ़ें. हौडिनी की यह कहानी बहुत ही रोचक है. हौडिनी, जो एक कुशल जादूगर था, ताला खोलने में भी माहिर था. वह अकसर शेखी बघारता था कि वह विश्व की किसी भी जेल की कोठरी से एक घंटे से भी कम समय में भाग सकता है बशर्ते कि उसे जेल की कोठरी में अपने कपड़े पहने हुए जाने दिया जाये.
ब्रिटिश आइल्स के एक छोटे से कस्बे में एक नये जेल का निर्माण हुआ था. उन्होंने हौडिनी को चुनौती दी कि हमें यह कर के दिखाओ. हौडिनी को प्रचार और धन से प्यार था. इसलिए उसने चुनौती स्वीकार कर ली. जब तक कि वह वहां पहुंचता, लोग बहुत उत्साहित हो चुके थे. वह गौरवपूर्ण तरीके से कस्बे में आया और जेल की कोठरी के अंदर चला गया. जब दरवाजा बंद किया जा रहा था, तो उसमें से विश्वास टपक रहा था. हौडिनी ने अपना कोट उतारा और काम करना शुरू कर दिया. वह अपनी बेल्ट में 10 इंच का लचीला, सख्त और मजबूत स्टील का टुकड़ा छिपाये रखता था, जिसे वह ताला खोलने के लिए प्रयोग में लाता था. 30 मिनट के बाद उसके विश्वास के हाव-भाव गायब हो गये. एक घंटे बाद वह पसीने से तर-बतर हो गया. दो घंटे बाद जब दरवाजा खोला गया, तो हौडिनी उससे टिका हुआ लगभग ढेर हुआ पड़ा था.
आपको यह जान कर आश्चर्य होगा कि वह दरवाजा कभी बंद ही नहीं किया गया था, सिवाय उसके दिमाग में. जिसने मान लिया था कि वह इतनी मजबूती से बंद किया गया था जैसे हजारों ताले बनानेवालों ने अपने सवरेत्तम ताले उस पर लगा दिये हो. एक हल्का-सा धक्का लगा कर हौडिनी उस दरवाजे को आसानी से खोल सकता था. कई बार आपके अवसर के द्वार को खोलने के लिए भी उसे बस जरा-सा और धकेलने की जरूरत होती है. जीवन के क्षेत्र में आप पायेंगे कि जैसे ही आप अपने ध्येय निर्धारित करते हैं और अपने दिमाग पर लगा ताला खोल देते हैं, तो संसार आपके लिये अपने वैभव एवं पुरस्कारों का ताला खोल देता है. क्योंकि अधिकांश ताला बंद दरवाजे आपके दिमाग में होते हैं.
बात पते कीः
-अधिकांश तालाबंद दरवाजे आपके दिमाग में होते हैं. अगर आपने यह सोच लिया कि यह काम करना कठिन हैं, तो सचमुच वह काम कठिन हो जायेगा.
-जीवन में लक्ष्य जरूर तय करें. जब आप लक्ष्य तय करते हैं, तो पहला बड़ा दरवाजा खोल देते हैं और यही पहला कदम आपको सफलता दिलाता है.