
ज़्यादातर अख़बारों ने कन्हैया कुमार की रिहाई और उसके भाषण की ख़बर को पहले पन्ने पर प्रमुखता से छापा है.
नवभारत टाइम्स ने कन्हैया कुमार के जेएनयू में दिए भाषण की तस्वीर पहले पन्ने पर छापी और ख़बर दी है, ‘जेएनयू में उमर पर आंच, कन्हैया को कलीन चिट’.
अमर उजाला ने छापा – रिहा होते ही बोला कन्हैया, "भारत से नहीं भारत में आज़ादी मांगी".
नई दुनिया ने ख़बर दी, ‘रिहा होते ही फिर गरजा कन्हैया- मोदी, संघ, एबीवीपी निशाने पर’. ख़बर में लिखा है, "आपने हर-हर कहकर ठग लिया, अब अरहर से परेशान हैं."
हिंदी अख़बार हिन्दुस्तान ने भी इसको शीर्षक बनाते हुए छापा है ‘भारत से नहीं, भारत में आज़ादी मिले.’

अंग्रेज़ी के अख़बार द हिंदू ने पहले पन्ने पर छापा है, "वी वांट आज़ादी इन इंडिया, नॉट फ्रॉम इंडिया".
इंडियन एक्सप्रेस की बात करें, तो फ्रीडम ऑफ़ एक्सप्रेशन यानि अभिव्यक्ति की आज़ादी शीर्षक से पहले पन्ने पर जेएनयू से एक तस्वीर छापी है जिसमें तिरंगा और कन्हैया दिख रहे हैं.
अख़बार ने लिखा कि कन्हैया ने प्रधानमंत्री मोदी को निशाने पर लिया, मां के आंसुओं को याद किया और किसानों और जवानों को सलाम किया.
अंग्रेज़ी के अख़बार हिन्दुस्तान टाइम्स ने आम आदमी पार्टी की बनाए जांच दल से मिली जानकारी को हेडलाइन बनाया है.
अख़बार ने लिखा कि जांच दल ने कहा है कि कन्हैया के ख़िलाफ़ सुबूत नही हैं, लेकिन उमर ख़ालिद की भूमिका की जांच होनी चाहिए.
दैनिक जागरण ने हालांकि ख़बर को पहले पन्ने पर नहीं बल्कि आठवें पन्ने पर जगह दी है.
अख़बार ने मामले से जुड़ी कुछ चार-पांच ख़बरें छापी हैं जिनके शीर्षक हैं – ‘कड़ी सुरक्षा में कन्हैया को लेकर जेएनयू पहुँची पुलिस’, ‘देश लूटने वालों से मांग रहे आज़ादी: कन्हैया’, ‘दिल्ली सरकार की जांच रिपोर्ट में कन्हैया को क्लीनचिट’.
दैनिक भास्कर ने पहले पन्ने पर बड़े अक्षरों में ‘बोलने की आज़ादी’ शीर्षक के साथ एक तरफ़ प्रधानमंत्री मोदी के राहुल गांधी पर कटाक्ष और दूसरी तरफ जेएनयू में कन्हैया कुमार के मोदी पर तीखे हमले को जगह दी है.
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