पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने कहा कि जाट आंदोलन के दौरान कथित यौन शोषण की शिकार हुई महिलाएं घटना के बारे में चीफ़ जुडिशियल मैजिस्ट्रेट को पत्र, ईमेल या किसी रिश्तेदार के ज़रिए सूचित कर सकती हैं.
अदालत ने ये आदेश अख़बार ट्रिबियून में छपी एक खबर का संज्ञान लेते हुए दिया है.
इस अखबार में ये एक रिपोर्ट छपी थी कि जाट आंदोलन के दौरान सोनीपत के नजदीक मूर्थल इलाके में महिलाओं के साथ कथित तौर पर बलात्कार हुआ था.
अखबार के मुताबिक पीड़ित महिलाएं डर के मारे सामने नहीं आ रही हैं और उन्हें पुलिस ने भी इस मामले में चुप रहने को कहा था.
अदालत ने गृह सचिव और डीजीपी को इस मामले में अलग से रिपोर्ट पेश करने को कहा है.
आरक्षण की मांग को लेकर शुरू हुए जाट आंदोलन में 10 दिनों में ख़ासी हिंसा हुई और 28 लोगों की मौत हो चुकी है.
इस दौरान आगजनी से राज्य को करीब 1800 से 3400 करोड़ तक का नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है.
अदालत ने इस आंदोलन के दौरान लोगों की संपति को हुए नुकसान, इंशोरेंस के पैसे के भुगतान और यौन शोषण के मामलों में मदद के लिए डेस्क बनाने का भी आदेश दिया है.
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए यहां क्लिक करें. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)