कानो (नाइजीरिया) : उत्तरी नाइजीरिया के दो गांवों में बोको हराम के हालिया हमलों में कम से कम 30 लोग मारे गए हैं. हमलों में मारे गए लोगों की जानकारी देते हुए सतर्कता समिति के सदस्यों ने एक बार फिर राष्ट्रपति मुहम्मदू बुहारी के उस दावे पर सवाल उठाया है, जिसमें कहा गया था कि नाइजीरिया ने जिहादी समूह को बहुत हद तक हरा दिया है. बोको हराम इस्लामी चरमपंथियों के खिलाफ लडाई में सेना की मदद कर रहे एक स्थानीय सतर्कता समिति सदस्य मुस्तफा करीमबे ने कल कहा कि बंदूकों और चाकुओं से लैस हमलावरों ने बाइकों और वैनों में सवार होकर शुक्रवार और कल याक्षरी एवं काचिफा नामक सुदूर गांवों पर हमला बोला.
करीमबे ने कहा, ‘‘हमलावरों ने शुक्रवार रात और कल सुबह दो गांवों पर दो अलग-अलग हमले बोलकर 30 लोगों की हत्या कर दी.” करीमबे ने यह भी बताया कि हमलावरों ने लूटपाट भी की और मवेशियों को भी ले गए. याक्षरी गांव से लगभग 120 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कस्बे बियू से करीमबे ने कहा, याक्षरी गांव पर हमला कल सुबह साढे नौ बजे के आसपास हुआ। हमलावरों ने 22 निवासियों की ‘‘गला रेतकर हत्या कर दी और फिर खाद्यान्न भंडार खाली कर दिए और सभी मवेशियों को अपने साथ ले गए.” बीते शुक्रवार की शाम को बोको हराम के चरमपंथियों ने पास के काचीफा गांव पर भी हमला बोलकर आठ लोगों की हत्या कर दी थी.
करीमबे ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि दोनों गांवों में हमले करने वाले बंदूकधारी समान ही थे।” बुहारी ने भले ही दिसंबर में कहा था कि जिहादी समूह की हार लगभग हो ही चुकी है…लेकिन हाल के सप्ताहों में पूर्वोत्तर बोर्नो राज्य की राजधानी मैदुगुरी के पास बोको हराम के हमलों में दर्जनों लोग मारे गए हैं. उसके बाद से आतंकियों ने हमलों और आत्मघाती हमलों में दर्जनों लोगों को मारा है. इनमें सीमा पार कैमरुन में हुए हमले भी शामिल हैं. तीस जनवरी को जब आतंकियों ने एक गांव पर हमला बोलकर उसे जलाया, तो कम से कम 85 लोग मारे गए। गुरुवार को दो महिला आत्मघाती बम हमलावरों ने हिंसा से प्रभावित बेघर लोगों के लिए लगाए गए शिविर में कम से कम 58 लोगों को मार डाला था.
मानवाधिकार समूह एमनेस्टी इंटरनेशनल ने समूह के खिलाफ कार्रवाई के दौरान अभियान चला रही सेना पर भी युद्ध अपराधों और मानवता के खिलाफ संभावित अपराधों में लिप्त होने का आरोप लगाया है. उत्तरी नाइजीरिया में कट्टरपंथी इस्लामी देश बनाने की इच्छा रखने वाले बोको हराम ने वर्ष 2009 में आतंकवाद की शुरुआत के बाद से अब तक लगभग 17 हजार लोगों की हत्या कर दी है और 26 लाख से ज्यादा लोगों को घर छोडकर जाने के लिए मजबूर कर दिया है.