जर्मनी का चांसलर एंगेला मर्केल का कहना है कि यूरोपीय संघ के वादे के अनुसार तुर्की को अपनी सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी करने के लिए 3 अरब डॉलर से ज़्यादा की आर्थिक मदद दी जाएगी.
यूरोप में अवैध तरीकों से प्रवासियों का आना रुक नहीं रहा. सीरिया से सटे होने का कारण प्रवासी तुर्की से होते हुए यूरोप आ रहे हैं. ऐसे में यूरोपीयन संघ तुर्की पर अपनी सीमाओं को अधिक सुरक्षित करने पर ज़ोर दे रहा है.
एंगेला मर्केल ने कहा, "हमें ख़ुशी है कि तुर्की की सरकार ने सीरिया से आए प्रवासियों के लिए वर्क परमिट की सुविधा दी है और मैं आज एक बार फिर यह वादा दोहराती हूं, ताकि वे प्रवासियों के लिए परियोजनाए बना सकें और उनके हालात बेहतर बना सकें."
इस बीच, शुक्रवार को तुर्की में दो अलग-अलग हादसों में प्रवसियों से भरी नावों के डूबने से कम से कम 40 लोगों की मौत हो गई, जिसमें लगभग आधे बच्चे शामिल हैं.
इस मामले पर जर्मनी की चांसलर एंगेला मर्केल और तुर्की के प्रधानमंत्री अहमत दावातोग्लु के बीच बर्लिन में एक बैठक हुई. बैठक के बाद एंगेला मर्केल ने कहा कि प्रवासियों के संकट का फायदा मानव तस्कर उठा रहे हैं जिसे रोकने के लिए और क़दम उठाए जाने की ज़रूरत है.और इसीलिए अवैध पलायन को वैध विस्थापन का रूप दिया जाना चाहिए.
मध्य पूर्व में जारी हिंसा और युद्ध के माहौल के कारण बड़ी संख्या में प्रवासी यूरोप का रुख कर रहे हैं. वे वैध-अवैध, हर तरीक़ों से तुर्की से समंदर पार कर ग्रीस और फिर आगे यूरोप पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं.
पिछले एक साल में 10 लाख से अधिक प्रवासी यूरोप में अवैध तरीकों से पहुंचे हैं. इससे यूरोपीय संघ के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है.
तुर्की में लगभग 30 लाख प्रवासी रहते हैं जो अधिकतर सीरिया से हैं. इनमें से कई मानव तस्करों को हज़ारों डॉलर देते हैं ताकि वे ग्रीस जा सकें.
तुर्की के प्रधानमंत्री अहमत दावातोग्लु ने कहा है, "प्रवासियों के मुद्दे ने नया मोड़ ले लिया है. अब हम अन्य देशों से आने वाले सीरियाई प्रवासियों की समस्या से निपट रहे हैं. क्योंकि जो लोग सीधे तुर्की आ रहे हैं वे अपनी जान बचाना चाहते हैं और हम उनके लिए ख़ुले दरवाज़े की नीति अपना रहे हैं. हम ऐसा करना जारी रखेंगे."
हाल में कई यूरोपीय देशों जैसे की जर्मनी और फ्रांस ने अपने देशों की सीमाओं को अधिक सुरक्षित किया है. लेकिन बीते कई महीनों से प्रवासियों का तुर्की से होते हुए अन्य यूरोपीय देशों में जाना जारी है. ऐसे में यूरोपीय देश उम्मीद कर रहे हैं कि तुर्की इस पर कारग़र तरीक़े से रोक लगा सकेगा.
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