इस्लामिक स्टेट की पत्रिका ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि जिहादी जॉन के रूप में चर्चित ब्रितानी चरमपंथी की नवंबर में एक ड्रोन हमले में मौत हो गई थी.
संगठन ने अपनी ऑनलाइन पत्रिका दबिक़ में जिहादी जॉन की श्रद्धांजलि प्रकाशित की है. जिहादी जॉन का असली नाम मोहम्मद एमवाज़ी था.
नवंबर में अमरीकी सेना ने कहा था कि वे इस बात को लेकर क़रीब क़रीब आश्वस्त हैं कि उन्होंने रक़्क़ा में जिहादी जॉन को मार दिया है. रक़्क़ा को इस्लामिक स्टेट का गढ़ माना जाता है.
जिहादी जॉन को कई लोगों के सिर क़लम करने वाले वीडियो में देखा गया था, जिनमें ब्रितानी सहायताकर्मी डेविड हेन्स और टैक्सी ड्राइवर एलेन हेनिंग शामिल थे.
पत्रिका के मुताबिक़ एमवाज़ी की मौत 12 नवंबर को हुई, जब उनकी कार ड्रोन हमले के निशाने पर आई. हमले में कार पूरी तरह नष्ट हो गई और जिहादी जॉन की मौक़े पर ही मौत हो गई.
पत्रिका ने जिहादी जॉन की मुस्कुराते हुए तस्वीर भी छापी है और उसके नीचे उनका गुणगान किया गया है.
एमवाज़ी को सबसे पहले अगस्त 2014 में एक वीडियो में नक़ाब पहने देखा गया था, माना जाता है कि इस वीडियो में अमरीकी पत्रकार जेम्स फोली की हत्या दिखाई गई थी.
लंदन में पले-बढ़े कंप्यूटर प्रोग्रामिंग ग्रेजुएट एमवाज़ी के रूप में जिहादी जॉन की पहचान फरवरी 2015 में हुई.
अमरीकी पत्रकार स्टीवेन सोटलॉफ़, हेन्स, हेनिंग और अमरीकी सहायताकर्मी अब्दुल रहमान कासिग की हत्या वाले वीडियो में जिहादी जॉन को देखा गया.
इसके बाद से ही जिहादी जॉन अमरीकी और ब्रितानी ख़ुफ़िया एजेंसियों के निशाने पर थे.
सीरिया के कई हिस्से पर इस्लामिक स्टेट का क़ब्ज़ा है. सीरिया में 2011 से शुरू हुए गृह युद्ध में ढाई लाख से ज़्यादा लोग मारे जा चुके हैं.
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