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इंसान के समान पक्षियों की ध्वनि!
इंसान और पक्षियों की आवाज में भले ही विभिन्नता हो, लेकिन ये दोनों ही तरह के जीव ध्वनि पैदा करने के लिए एक ही शारीरिक प्रणाली का इस्तेमाल करते हैं. हाल ही में किये गये एक शोध के नतीजों में यह पाया गया है कि मानव जाति आवाज निकालने, बोलने या गाना गाने के लिए […]
इंसान और पक्षियों की आवाज में भले ही विभिन्नता हो, लेकिन ये दोनों ही तरह के जीव ध्वनि पैदा करने के लिए एक ही शारीरिक प्रणाली का इस्तेमाल करते हैं. हाल ही में किये गये एक शोध के नतीजों में यह पाया गया है कि मानव जाति आवाज निकालने, बोलने या गाना गाने के लिए मायोइलास्टिक एयरोडायनेमिक थ्योरी का इस्तेमाल करते हैं.
‘नेचर कम्यूनिकेशन’ में छपी रिपोर्ट के हवाले से ‘टेक टाइम्स’ में बताया गया है कि यूनिवर्सिटी आफ साउदर्न डेनमार्क के शोधकर्ताओं ने यह शोध किया है. उनका कहना है कि पक्षी ध्वनि उच्चारण के लिए इंसान की तरह ही एमइडी एक्टिविटी अपनाते हैं. धरती पर मौजूद अनेक प्राणी इस तकनीक के सहारे अपनी कंठ से ध्वनि निकालते हैं.
इंसान की कंठ नली में फेफड़ों से होकर जाने वाली हवा वोकल कॉर्ड यानी स्वर तंत्रिका को छूकर गुजरती है, जिससे स्वर तंत्रिका में कंपन उत्पन्न होता है. प्रत्येक कंपन के साथ गला हवा के प्रवाह को रोकने और शुरू करने के साथ खुलता व बंद होता रहता है, जिससे ध्वनि उत्पन्न होती है.
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