वह जेल से निकल गया. लेकिन पुलिस ने उसे रिमांड पर भी नहीं लिया. मेन रोड में कडरू मोड़ के पास 29 मई को दो अपराधियों ने शराब व्यवसायी अनूप चावला को गोली मार दी. अपराधी अब तक पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं. इंजीनियर समरेंद्र प्रसाद को गोली मारने की घटना में शामिल अपराधी लवकुश शर्मा की बात करें, तो रांची पुलिस पिछले आठ माह से उसे तलाश रही है. फरवरी में सर्कुलर रोड में हुई जमीन कारोबारी अनुज नाथ स्वर्णकार की हत्या में उसका नाम आया था. पर वह पुलिस के हाथ नहीं आया और रंगदारी वसूलता रहा. इसी तरह पुलिस बलरामू साहू पर फायरिंग करानेवाले गुड्डू खान को अभी तक गिरफ्तार नहीं कर पायी है.
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रांची में अपराधी दे रहे हैं पुलिस को चुनौती
रांची में अपराधियों का मनोबल बढ़ा हुआ है. हालात देखिए. एक अपराधी लवकुश रविवार को इंजीनियर समरेंद्र प्रसाद से एक करोड़ की रंगदारी मांगता है. फिर रात में उसके घर पर फायरिंग करता है. डर कर इंजीनियर पुलिस के पास एफआइआर करने जाता है. पुलिस टालती है, कार्रवाई करने की जगह सबूत मांगती है. सबूत […]
रांची में अपराधियों का मनोबल बढ़ा हुआ है. हालात देखिए. एक अपराधी लवकुश रविवार को इंजीनियर समरेंद्र प्रसाद से एक करोड़ की रंगदारी मांगता है. फिर रात में उसके घर पर फायरिंग करता है. डर कर इंजीनियर पुलिस के पास एफआइआर करने जाता है. पुलिस टालती है, कार्रवाई करने की जगह सबूत मांगती है. सबूत देने के बाद तीन बजे एफआइआर दर्ज करती है. इसके एक घंटे के बाद अपराधी उस इंजीनियर को गोली मार देता है. घटना घटती है मुख्यमंत्री के आवास के पीछे, यानी अपराधियों के मन में कानून का भय नहीं है. इसके बाद भी पुलिस उस अपराधी को पकड़ नहीं पाती. अगर सुबह में ही पुलिस कार्रवाई कर लेती तो जनता का पुलिस प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ता. यह कोई अकेली घटना नहीं है. इस साल रांची जिले में 176 लोगों की हत्या और छह माह में रंगदारी की 42 घटनाएं यह साबित करती हैं कि अपराधियों के मन में पुलिस का भय नहीं है. मुख्यमंत्री रघुवर दास के बार-बार चेतावनी के बावजूद पुलिस अपराध पर काबू नहीं कर सकी है. थानों के हालात जगजाहिर हैं. एक तो एफआइआर दर्ज नहीं होते और अगर होते भी हैं तो पैरवी-पैसे के बल पर. इन हालातों को सुधारना होगा.
रांची: रांची में अपराधी गोली मार कर निकल जाते हैं, पुलिस उन्हें पकड़ नहीं पाती. अपराधियों का मनोबल बढ़ा हुआ है. सोमवार को इंजीनियर समरेंद्र प्रसाद को अपराधियों ने मुख्यमंत्री आवास के पीछे सरेआम गोली मार दी़ इसके बाद आराम से फरार हो गये़ समरेंद्र कुमार की स्थिति गंभीर है़ परिजन उन्हें एयर एंबुलेंस से गुड़गांव स्थित मेदांता अस्पताल ले गये हैं. इससे पहले भी ऐसी कई घटनाएं हुई हैं. 12 सितंबर को तुपुदाना थाने के पास अपराधी दो युवकों की गोली मार कर हत्या कर देते हैं, इसके बाद आराम से फरार हो जाते हैं. इस घटना में आरोपी बनाये गये अपराधी गेंदा सिंह तब जेल में बंद था.
हाल की बड़ी घटनाएं
14 नवंबर: पुदांग ओपी क्षेत्र के लालपत नगर मोड़ में बलरामू साहू पर फायरिंग, घटना का मास्टर माइंड बॉबी खान और शूटर को गिरफ्तार नहीं कर पा रही तुपुदाना पुलिस
09 अक्तूबर: जमीन विवाद में जसवंत सिंह की गोली मार कर हत्या, राणा प्रताप पर जानलेवा हमला. पुलिस तीन लोग को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. दो लोगों की गिरफ्तारी बाकी है.
12 सितंबर: तुपुदाना चौक पर जमीन विवाद में राजेंद्र और मनोहर की हत्या. मास्टमाइंड में गेंदा सिंह का नाम सामने आया. लेकिन पुलिस उसके खिलाफ साक्ष्य एकत्र नहीं कर सकी.
25 अगस्त: माइनिंग व्यवसायी पद्म कुमार जैन और उनके बेटे आनंद को फोन पर मारने की धमकी की शिकायत बरियातू थाने को मिली. पुलिस अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं कर सकी है.
20 अगस्त: धुर्वा थाना क्षेत्र के एचइसी मोड़ के समीप गृह विभाग के प्रशाखा पदाधिकारी मनोज कुमार पर फायरिंग. पुलिस को नहीं मिले रहे अपराधियों के बारे सुराग.
14 जून: जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र के शिवालय अपार्टमेंट में गार्ड को बंधक बना डकैती, पुलिस को अपराधियों के बारे सुराग मिले. पर किसी को गिरफ्तार नहीं कर सकी.
29 मई: चुटिया थाना क्षेत्र के ओवरब्रिज के समीप शराब व्यवसायी अनूप चावला पर फायरिंग, पुलिस को फायरिंग करनेवाले के बारे जानकारी मिली, लेकिन गिरफ्तारी नहीं हुई.
27 फरवरी: लालपुर थाना क्षेत्र के हरिओम टावर के निकट जमीन कारोबारी अनुज नाथ स्वर्णकार की गोली मार हत्या. पुलिस इस हत्याकांड में लवकुश शर्मा को गिरफ्तार नहीं कर सकी.
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